Saturday, 16 September 2017

चाहिए अर्थक यत्‌ प्रत्यय

चाहिए अर्थक यत्‌ प्रत्यय
चाहिए या योग्य अर्थो में आ,इ,ई,उ,ऊ अन्त वाली धातुओं से यत्‌ प्रत्यय होता है। यत् का य शेष रहता है। यह प्रत्यय कर्मवाच्य व भाववाच्य में होता है।
उदाहरण- शिशुना जलं पेयम्‌। यहां पा धातु से “चाहिए” या “योग्य” अर्थ का बोधक यत्‌ प्रत्यय हुआ है अतः वाक्य का अर्थ हुआ “ शिशु के द्वारा जल पीना योग्य है”।
२) भवद्भिः पुस्तकानि देयानि ।
     आप सब के द्वारा पुस्तकें दी जानी योग्य हैं।
३) अतिथिना शुचि वारि पेयम्‌ ।
     अतिथि के द्वारा स्वच्छ जल पीना योग्य है।
४) जनैः महापुरुषाणां कीर्तिः गेया ।
     लोगों के द्वारा महापुरुषों की कीर्ति गाई जानी योग्य है।
५) तया अत्र स्थेयम्‌ ।
     उस(स्त्री) के द्वारा यहां रहा जाना योग्य है।
६) बालिकया पुष्पाणि चेयानि ।
      बालिका के द्वारा फूल चुनने योग्य हैं।
७) सेनापतिना शत्रुः जेयः।
      सेनापति के द्वारा शत्रु जीता जाना चाहिए।
८) शिक्षकेण शिक्षा देया ।
      शिक्षक के द्वारा शिक्षा दी जानी चाहिए ।
९) दुर्जनेन पापानि हेयानि ।
     दुर्जन के द्वारा पाप छोडे जाने चाहिए।
१०) पण्डितेन यज्ञकुण्डे हव्यम्‌ ।
       पण्डित के द्वारा यज्ञकुण्ड में आहुति दी जानी चाहिए।

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