Thursday 26 October 2017

राम नाम

☰ HOME PUNJAB ELECTION 2017 UP ELECTION 2017 DELHI PUNJAB HARYANA HIMACHAL PRADESH CHANDIGARH अद्भुत चमत्कारी मंत्र है "राम नाम" Wednesday, December 24, 2014                                                  जय जय राम, जय जय राम, जय जय राम राम राम संत नरकेवल बेदी जी महाराज अपने गुरु के प्रति एवं ईष्ट के प्रति अटूट निश्चय एवं विश्वास रखने वाले दृढ़ वृति महापुरुष हैं। अपने गुरु श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज से प्रार्थना करके 1954 में यह जप यज्ञ लुधियाना  में शुरू किया गया। इस जप यज्ञ का संकल्प केवल आस्तिक भावों की वृद्धि, शुभ एवं मंगल के विस्तार के लिए ही किया जाता है। संत बेदी जी अपने प्रवचनों में श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज की वाणी को सर्वोत्तम स्थान देते हुए निवेदन करते हैं कि गुरु देव ने हमें मार्ग दिखाया कि महामांगलीक राम नाम जपने से कष्टों-क्लेशों से छुटकारा पाया जा सकता है। अपने मंगल और कल्याण के लिए राम नाम एक अद्भुत चमत्कारी मंत्र है। संत लोग नाम की महिमा गाते हैं। जन भाषा में नाम की महिमा के गान से जनता को अवलम्बन मिल गया। नाम का आराधन करने वाले को दूसरे की तुलना में 100वां भाग भी दुख नहीं होता। जो  साधना करते रहते हैं उनको भगवान की विभूति अवश्य चमत्कार दिखाती है। नाम रूपी जहाज पर बैठ जाने के बाद फिर कोई चिंता नहीं सताती। नाम जपने वाले में निर्भयता आती है। भगवान का नाम बड़ा बल देता है। भावना से थोड़ा भी आराधन कल्याण कर देता है। धैर्य और विश्वास के बिना यह जगत भी कड़वा है।  इसको भगवान की स्मृति से मीठा बनाना चाहिए। साधना के मार्ग में श्रद्धा होनी चाहिए, राम नाम परम पिता परमेश्वर का नाम है। इसमें राम स्वयं विद्यमान हैं। राम नाम केवल श्रद्धा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। अत: साधक के लिए श्रद्धावान एवं तीव्र चाह वाला होना आवश्यक है। गुरु मुख से नाम दीक्षा ही कल्याण का कारण कहा गया है। गुरु मार्ग बनाते तथा मार्गदर्शन करने के लिए होता है। उसका कार्य बीज को बोना है। साधक का यह कर्तव्य है कि वह नियम के अनुसार चले जो भगवान को चाहते हैं उन्हें भगवान मिल जाते हैं। राम नाम जपने से निश्चय ही कल्याण होता है। चिंता दूर कैसे हो? भगवान का भरोसा करो और  नाम का चिंतन करो जो होना है, वह हो जाएगा ऐसा सोच कर नाम जपने वाला निश्चिंत हो जाता है। नाम उपासना में यह गहराई है कि नाम की ध्वनि अंदर बस जाती  है और साधक का मन मंदिर बन जाता है। इस उपासना में बहुत बाहर की सामग्री नहीं चाहिए, भगवान स्वयं कहते हैं कि यज्ञों में जप यज्ञ मैं हूं। संत बेदी जी का जीवन पूर्ण रूप से अपने गुरुदेव श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज के दिखाए मार्ग को समर्पित है। जप यज्ञ के प्रति संत बेदी जी कहते हैं कि यज्ञ में बैठ कर जाप  करना किसी पुण्य कर्मी का ही काम  है। राम नाम हमारा कोई पंथ नहीं है, यह कृपा का मार्ग है। संत बेदी कहते हैं जीवन को सीधा सच्चा, सरल बनाओ। बड़े भाव  से श्रद्धा से नाम की उपासना करो। नाम सजावट के लिए नहीं वरन पूजन के लिए है। जीवन में भलाई के कार्य करो। नेक बनो। परहित परसेवा में समय व्यतीत करो। माता-पिता की सेवा भगवान की पूजा समझ कर करो फिर जब इस प्रकार के महान यज्ञ में  बैठकर नाम सिमरण किया जाए तो भगवान की कृपा को प्राप्त करना अति सुगम है। प्रस्तुति : राम, शाम शोरी, लुधियाना FOR ANY QUERY support@punjabkesari.in FOR ADVERTISEMENT QUERY advt@punjabkesari.in TOLL FREE : 1800 137 6200 Home|Privacy Policy|Live Help © 2016 Punjab Kesari, All Rights Reserved

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