Thursday, 26 October 2017
तुलसीदास को भगवान जगन्नाथ ने दिये राम रुप में दर्शन
जब तुलसीदास को भगवान जगन्नाथ ने दिये राम रुप में दर्शन
MARCH 14, 2017 BY AG 1 COMMENT
तुलसीदास जी अपने इष्टदेव का दर्शन करने श्रीजगन्नाथपुरी गये। मंदिर में भक्तों की भीड़ देख कर प्रसन्न मन से अंदर प्रविष्ट हुए। जगन्नाथ जी का दर्शन करते ही निराश हो गये। विचार किया कि यह हस्तपादविहीन देव हमारा इष्ट नहीं हो सकता। बाहर निकल कर दूर एक वृक्ष के तले बैठ गये। सोचा कि इतनी दूर आना ब्यर्थ हुआ। क्या गोलाकार नेत्रों वाला हस्तपादविहीन दारुदेव मेरा राम हो सकता है? कदापि नहीं। रात्रि हो गयी, थके-माँदे, भूखे-प्यासे तुलसी का अंग टूट रहा था। अचानक एक आहट हुई। वे ध्यान से सुनने लगे।
यह भी पढ़े – तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस से जुडी कुछ रोचक और अनसुनी बातें
अरे बाबा ! तुलसीदास कौन है? एक बालक हाथों में थाली लिए पुकार रहा था। तभी आप उठते हुए बोले –‘हाँ भाई ! मैं ही हूँ तुलसीदास।’
बालक ने कहा, ‘अरे ! आप यहाँ हैं। मैं बड़ी देर से आपको खोज रहा हूँ। ‘बालक ने कहा -‘लीजिए, जगन्नाथ जी ने आपके लिए प्रसाद भेजा है।’
तुलसीदास बोले –‘कृपा करके इसे बापस ले जायँ।
बालक ने कहा, आश्चर्य की बात है, ‘जगन्नाथ का भात-जगत पसारे हाथ’ और वह भी स्वयं महाप्रभु ने भेजा और आप अस्वीकार कर रहे हैं। कारण?
तुलसीदास बोले, ‘अरे भाई ! मैं बिना अपने इष्ट को भोग लगाये कुछ ग्रहण नहीं करता। फिर यह जगन्नाथ का जूठा प्रसाद जिसे मैं अपने इष्ट को समर्पित न कर सकूँ, यह मेरे किस काम का? ‘
बालक ने मुस्कराते हुए कहा, बाबा ! आपके इष्ट ने ही तो भेजा है ।
तुलसीदास बोले -यह हस्तपादविहीन दारुमूर्ति मेरा इष्ट नहीं हो सकता।
बालक ने कहा कि अपने श्रीरामचरितमानस में तो आपने इसी रूप का वर्णन किया है —
बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना।
कर बिनु कर्म करइ बिधि नाना ।।
आनन रहित सकल रस भोगी।
बिनु बानी बकता बड़ जोगी।।****
अब तुलसीदास की भाव-भंगिमा देखने लायक थी। नेत्रों में अश्रु-बिन्दु, मुख से शब्द नहीं निकल रहे थे। थाल रखकर बालक यह कहकर अदृश्य हो गया कि मैं ही राम हूँ। मेरे मंदिर के चारों द्वारों पर हनुमान का पहरा है।विभीषण नित्य मेरे दर्शन को आता है। कल प्रातः तुम भी आकर दर्शन कर लेना।
तुलसीदास जी ने बड़े प्रेम से प्रसाद ग्रहण किया। प्रातः मंदिर में उन्हें जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के स्थान पर श्री राम, लक्ष्मण एवं जानकी के भव्य दर्शन हुए। भगवान ने भक्त की इच्छा पूरी की।
जिस स्थान पर तुलसीदास जी ने रात्रि व्यतीत की थी, वह स्थान ‘तुलसी चौरा’ नाम से विख्यात हुआ। वहाँ पर तुलसीदास जी की पीठ ‘बड़छता मठ’ के रूप में प्रतिष्ठित है।
डा. अजय दीक्षित
Drajaidixit@gmail.con
डा. अजय दीक्षित जी द्वारा लिखे सभी लेख आप नीचे TAG में Dr. Ajay Dixit पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
भारत के मंदिरों के बारे में यहाँ पढ़े – भारत के अदभुत मंदिर
सम्पूर्ण पौराणिक कहानियाँ यहाँ पढ़े – पौराणिक कथाओं का विशाल संग्रह
सम्बंधित लेख :-
अदभुत रहस्य :- आखिर क्यों निगला सीताजी ने लक्ष्मण को
कैसे हुआ बालि और सुग्रीव का जन्म तथा कैसे पड़ा ऋष्यमूक पर्वत का नाम
सीता की निंदा करने वाले धोबी के पूर्व जन्म का वृत्तान्त
सतयुग में पृथ्वी पर श्री हनुमान जन्म का अदभुत रहस्य
सर्वप्रथम हनुमान जी ने लिखी थी रामायण लेकिन फ़ेंक दी थी समुद्र में, जानिए क्यों?
YOU MAY LIKE by
Do This Before Bed And Lose 22 Kg In 3 Weeks
A Cutie Girl Told How She Earns Rs.12,00,000 A Month!
सिर पर नेचुरल तरीके से दोबारा बाल उगाने का 1 नुस्खा सभी ने अपनाया
अब पतला होना हुआ आसान, अपनाएं 1 वैदिक बूटी (नो डाइटिंग)
Slim Now
Do This 1 Crazy Trick Before Sleep & Melt Fat (No Dieting)
Slim Now
These 2 Vegetables Will Kill Your Arm And Belly Fat Overnight!
Related Posts:
जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें Vishnu and Parvati Story- जब भगवान विष्णु ने किया माता पार्वती के साथ छल जानिए जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े 13 रोचक तथ्य क्यों नहीं करने चाहिए भगवान गणेश की पीठ के दर्शन वास्तु टिप्स : नहीं करने चाहिए भगवान की इन 5 तरह की मूर्तियो के दर्शन मंढीप बाबा (Mandheep Baba Shivling)- इस स्वयंभू शिवलिंग दर्शन के लिए पार करनी पड़ती है एक ही नदी 16 बार, साल में एक बार होते है दर्शन पूजा या दर्शन करते समय दूर रहना चाहिए इन 5 लोगों से तुलसीदास जी कृत संकटमोचन हनुमानाष्टक (हिंदी अनुवाद सहित) भगवान शिव का अघोर रुप तथा भगवान शिव से जुड़े रहस्यमयी प्रश्नों के उत्तर जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर दफ़्न है श्रीकृष्ण की मौत से जुड़ा एक राज क्या आप जानते हैं ? 68 करोड तीर्थ देवताओं का रूप धारण करके अयोध्या धाम का दर्शन करने तथा सरयू स्नान करने प्रतिदिन आते हैं। बारिश की पूर्व सूचना देता है कानपुर का जगन्नाथ मंदिर भगवान राम और भगवान शिव में प्रलयंकारीयुद्ध का क्या हुआ परिणाम ? कोकिलावन – यहाँ कोयल बन दर्शन दिए थे, श्री कृष्ण ने शनिदेव को चावार्क की कहानी और उनका दर्शन : Charvak Story & Darshan
FILED UNDER: PAURANIK KATHA
TAGGED WITH: DR. AJAY DIXIT, TULSIDAS
नयी पोस्ट ईमेल में प्राप्त करने के लिए Sign Up करें.
Type your email here...
Sign Up
« पोर्न मूवीज का शौकीन था लादेन, जानिए ओसामा बिन लादेन की लाइफ से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्सवनवास काल में महाराज युधिष्ठिर को श्री कृष्ण ने दी राम नाम की दीक्षा »
COMMENTS
sadhana pal says
March 23, 2017 at 1:35 pm
Acchi jankari hai
Reply
JOIN THE DISCUSSION!
Please submit your comment with a real name.
Comment
Thanks for your feedback!
Name *
Email *
Website
Post Comment
Search this website …
Search
RECENT POSTS
तुलसी विवाह विधि | Tulsi Vivah Vidhi
तुलसी विवाह कथा | Tulsi Vivah Katha
Akshay Amla Navami Vrat Katha | अक्षय आंवला नवमी व्रत कथा पूजा विधि
Gopashtami Katha Pujan Vidhi | गोपाष्टमी कथा एवं पूजन विधि
Labh Panchami Saubhagya Panchami | लाभ पंचमी, सौभाग्य पंचमी पूजन विधि
Chhath Puja Wishes in Hindi | छठ पूजा शुभकामना संदेश
Chhath Puja Vrat Katha Puja Vidhi | छठ पूजा व्रत कथा एवं पूजन विधि
Chhath Puja Shayari in Hindi| छठ पूजा शायरी
Bhai Dooj Shayari | भाई दूज शायरी
Bhai Dooj Wishes In Hindi | भाई दूज शुभकामना संदेश
Chhath Puja Wishes in Hindi | छठ पूजा शुभकामना संदेश
Chhath Puja Vrat Katha Puja Vidhi | छठ पूजा व्रत कथा एवं पूजन विधि
Chhath Puja Shayari in Hindi| छठ पूजा शायरी
आयुर्वेदिक दोहे (Ayurvedic Dohe)- इनमें छुपे हैं कई रोगों के रामबाण इलाज
5 पौराणिक कहानियां- जब भगवान विष्णु ने लोक कल्याण के लिए किए छल
कामाख्या शक्तिपीठ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य: Some Interesting Facts of Kamakhya Shakti Peeth)
Khumar Barabankvi – Aisa nahi ki un se mohabbat nahi rahi (खुमार बाराबंकवी – ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही)
Brahma Temple Story : क्यों है ब्रह्मा जी का पुरे भारत में एक मंदिर ?
Munawwar Rana – Ameere-Shehar ko talwaar karne waalaa hoon (मुनव्वर राना – अमीरे-शहर को तलवार करने वाला हूँ)
Waseem Barelvi – Talab ki raah mein paane se pehle khona padta hai (वसीम बरेलवी – तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है)
Bashir Badr – Subah ka jharna, hamesha hansne wali aurtein (बशीर बद्र – सुबह का झरना, हमेशा हंसने वाली औरतें)
Bashir Badr – Yaad kisi ki chandni ban kar kothe kothe utari hai (बशीर बद्र – याद किसी की चाँदनी बन कर कोठे कोठे उतरी है)
किन्नरों से जुड़े 20 रोचक तथ्य : 20 Facts about Kinnar (Hijra)
Munawwar Rana – Bas itni si baat par usne hume balwai likha hai (मुनव्वर राना – बस इतनी बात पर उसने हमें बलवाई लिक्खा है)
Khumar Barabankvi – Na hara hai ishq, na duniya thaki hai (खुमार बाराबंकवी – न हारा है इश्क, न दुनिया थकी है)
मसल्स बनाने के लिए अपनी डाइट में जरूर शामिल करे ये चीज़ें
Amir Minai Golden Shayari Part – 5 (अमीर मीनाई की गोल्डन शायरी भाग – 5)
Homer quotes in Hindi: होमर के अनमोल विचार
CONTACT US PRIVACY POLICY DISCLAIMER
तुलसीदास को भगवान जगन्नाथ ने दिये राम रुप में दर्शन
PROMOTED CONTENT by
These 2 Vegetables Will Kill Your Arm And Belly Fat Overnight!
A Cutie Girl Told How She Earns Rs.12,00,000 A Month!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment