Thursday, 26 October 2017

स्वसो स्वास की साधना

Indian paid media Indian paid media सोहम साधना या स्वसो स्वास की साधना June 20, 2015 NARAYAN NARAYAN ---------------------------- बापूजी के सत्संग से :- पूज्य बापूजी -- संकल्प-त्याग करने का अभ्यास करने से निश्चय ही भगवान मिल जाते हैं – इसका मैं ठेका लेता हूँ। दो स्वासो के बीच की अवस्था निसक्ल्प अवस्था होती है पहली जब अन्दर गया स्वास बाहर आने से पूर्व ठहरा तब दूसरी जब स्वास बाहर आकर खाली हो गया दूसरा स्वांस आने के पूर्व का समय तब साधना चालू होते ही संकल्प विकल्प कम होने लगते हैं पांचो शरीरों के पार की आत्मा की ओर की यात्रा होने लगती है जीभ तालू में लगादो ( तालू में सुमृति नाड़ी होती है ) ज्ञानमुद्रा ( तर्जनी उंगली अंगूठे से मिला दो ) में बैठो द्रष्टि नाक की नोक (नासाग्रह) पर लगा दो साँस अन्दर जाय तो ॐ बाहर आये तो 1 फिर अन्दर जाय तो शांति बाहर आये तो 2 फिर अन्दर जाय तो ॐ बाहर आये तो 3 फिर अपने आप को खोजो मैं कोन हूँ या अपने अहं को खोजो की कहाँ रहता है । जो खोज रहा है उसी को खोज लें । बापूजी बोलते हैं ये सबसे मधुर संगीत है । सत्संग में सुना है की बापूजी का ये जप तो हर समय चलता ही रहता है केवल जब वो बोलते हैं बस तभी ही जप रुकता है । एक बार स्वामी लीलाशाजी जी भगवान ने बापू जी की पत्तनी (माता लक्ष्मी देवी ) के सर पर हाथ रख दिया था और उनकी भी ये ही साधना अपने आप चालू हो गयी । दीक्षा के समय भी ये साधना बापूजी रोज करने को बोलते हैं इसमें कोई भी नियम नहीं है । आप बस में ट्रेन में यात्रा कर रहे हो या किसी ऑफिस में घर में दुकान में हो या कही और हो ये करे जरुर । ये योगियो की गुप्त शाम्भवी मुद्रा है इससे संत कबीर गुरुनानक जी महावीर गौतम बुद्ध और भी कई महापुरषो ने संत्तव को निखारा है बिल्क के सम्राट इब्राहीम का सत्संग भी सुना है बापू की सत्संग की cd ( अहम् को खोजा तो ईश्वर मिला ) में। उसमे इब्राहीम ये साधना से सुबह 4 :00 बजे से चालू की और सुर्योदय तक ईश्वर प्राप्ति कर ली । जो खोज रहा है उसी को खोज लें । रात्रि को सोते समय अगर ये जप करते करते सो जाये तो योग निद्रा में प्रवेश हो जाता है इस साधना के विषय में dvd गुरुप्रसाद में भी विस्तृत सत्संग है बापूजी इसे राज मार्ग कहते हैं । इस साधना से कई गंभीर रोगों से भी बचाव होता है यदि जीभ को दातों के मूल में ( जड़ में ) लगाकर जप किया जाय तो स्वास्थ्य लाभ होता है माला स्वासो स्वास की भगत जगत के बीच जो फेरे सो गुरुमुखी ना फेरे सो नीच जिनके निचले कर्म हैं वो ये साधना नहीं कर सकते और जो ये साधना करेंगे वो जल्दी ही गन्दी आदतों से बाहर आ जायेंगे । नानक जी इस साधना के विषय में कहा निर्भव जपे सकल भव मिटे संत कृपा ते प्राणी छूटे । जिन खोजा तिन पाइया **************************** ये आगे का बापूजी का सत्संग है की नहीं ये मुझे नहीं पता काकभूषण जी और वशिष्ठ जी का संवाद :- सोहम या स्वसोस्वास की साधना अर्थात स्वासों को गिनना प्राण कला की साधना है इसमें प्राणों का अनुसन्धान करके प्राणों के आने जाने के संधि स्थान में आया जाता है अर्थात प्राणों के आने जाने के बीच में केवली कुम्भक को बढ़ाया जाता है प्राणों के आने जाने के बीच की स्थिति जो है वो आत्मतत्व है जब अभ्यास करते हैं तो प्राण शिथिल होते जाते हैं। इसके प्रभाव से मन भी शिथिल होता जाता है क्यूंकि मन ओर पराण एक दुसरे के पूरक हैं जहा प्राण है वहा मन है जहा मन है वहा प्राण है कुछ ही दिनों के अभ्यास से प्राण धीरे चलने लगेगा और एक समय बाद कमहोते होते प्राण हृदय में लीन हो जायेंगे जब प्राण हृदय में नष्ट हो जायेंगे अर्थात विलीन हो जायेंगे तो मन भी जो प्राणों के सहारे चलता है विलीन हो जायेगा और हृदय में जो चैतन्य है उसका साक्षात्कार हो जायेगा। स्वास लेते समय सो की भावना और छोडते समय हम की भावना करे या swasoswas गिने और गुरुभगवान का सत्संग सुने उनके बताये अनुसार साधना करे तो साक्षात्कार हो जाता है ॐ NARAYAN NARAYAN — Popular posts from this blog संतो की भविष्यवाणी June 11, 2014 1) संत सूरदासजी की भविष्यवाणी विक्रम संवत 2070-71 मै दुष्ट दुष्ट को ऐसे काटेगा , जैसे की किट पतंगे जले है।इसके बाद धर्म की बेली बढ़ेगी और हजारो वर्ष तक सतयुगी माहोल रहेगा।पृथ्वी पर र्स्वर्ण फूल खिलेंगे।यह हरी की लीला टाले नही टले । 2)योगी प्राणनाथ ;वीर छत्रसाल के गुरुदेव जब युग परिवर्तन का पूर्ण हो जायेगा तो एक विराट दैवी विधान समस्त देशो में व्याप्त हो जायेगा।और उसकी नीव एक ब्रम्ज्ञानी गृहस्थ महापुरुष रखेंगे । तब विभिन्न मत मतान्तरो की द्विविधा मिटाकर सब लोग एक ही परब्रह्म परमात्मा को स्वीकार करेंगे। 3)स्वामी ब्रह्मशंकर(श्री हुजुर महाराज)राधा स्वामी सम्प्रदाय निकट भविष्य में अध्यात्मिक लहरें हमारी पृथ्वी पर अधिपत्य जमाने वाली है।हम जीतनी आपतियों का अनुभव कर रहे है वे सब गायब हो जाएगी और सतयुग से भी बढ़कर प्रेम आनंद और कल्याण की दिशा सर्वत्र व्याप्त हो जाएगी। 4)स्वामी दत्तावधु सन2015 के आसपास एक योगी ब्रम्ज्ञानी गृहस्थ संत भारत तथा सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करेगा।इस कारण भारत की प्रगति अत्यंत तीव्र गति से होगी।स्वर्ण युग का आगमन होगा।सन 2030 तक तीसरा विश्वयुद्ध होगा।भारत महाशक्ति बने… READ MORE रोनाल्ड निक्सन जो कि एक अंग्रेज थे का कृष्ण प्रेम June 20, 2015 रोनाल्ड निक्सन जो कि एक अंग्रेज थे कृष्ण प्रेरणा से ब्रज में आकर बस गये …उनका कन्हैया से इतना प्रगाढ़ प्रेम था कि वे कन्हैया को अपना छोटा भाई मानने लगे थे……एक दिन उन्होंने हलवा बनाकर ठाकुर जी को भोग लगाया पर्दा हटाकर देखा तो हलवे में छोटी छोटी उँगलियों के निशान थे ……जिसे देख कर 'निक्सन' की आखों से अश्रु धारा बहने लगी …क्यूँ कि इससे पहले भी वे कई बार भोग लगा चुके थे पर पहलेकभी ऐसा नहीं हुआ था |और एक दिन तो ऐसी घटना घटी कि सर्दियों का समय था, निक्सन जी कुटिया के बाहर सोते थे |ठाकुर जी को अंदर सुलाकर विधिवत रजाई ओढाकर फिर खुद लेटते थे |एक दिन निक्सन सो रहे थे……मध्यरात्रि को अचानक उनको ऐसा लगा जैसे किसी ने उन्हें आवाज दी हो...  दादा ! ओ दादा !उन्होंने उठकर देखा जब कोई नहीं दिखा तो सोचने लगे हो सकता हमारा भ्रम हो, थोड़ी देर बाद उनको फिर सुनाई दिया....  दादा ! ओ दादा !उन्होंने अंदर जाकर देखा तो पता चला की वे ठाकुर जी को रजाई ओढ़ाना भूल गये थे |वे ठाकुर जी के पास जाकर बैठ गये और बड़े प्यार से बोले...''आपको भी सर्दी लगती है क्या...?''निक्सन का इतना कहना था कि ठाकुर जी क… READ MORE Powered by Blogger Theme images by badins Powered by Neelmani Shriwas NEELMANI SHRIWAS VISIT PROFILE Archive Report Abuse

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