Saturday 28 October 2017

गायत्री छंद इनमें सबसे प्रसिद्ध

मुख्य मेनू खोलें खोजें 3 संपादित करेंध्यानसूची से हटाएँ।किसी अन्य भाषा में पढ़ें वैदिक छंद पेज समस्याएं वैदिक छंद वेदों के मंत्रों में प्रयुक्त कवित्त मापों को कहा जाता है। श्लोकों में मात्राओं की संख्या और उनके लघु-गुरु उच्चारणों के क्रमों के समूहों को छंद कहते हैं - वेदों में कम से कम १५ प्रकार के छंद प्रयुक्त हुए हैं। गायत्री छंद इनमें सबसे प्रसिद्ध है जिसके नाम ही एक मंत्र का नाम गायत्री मंत्र पड़ा है। इसके अलावे अनुष्टुप, त्रिष्टुप इत्यादि छंद हुए हैं। पिङ्गल द्वारा रचित छंदशास्त्र वैदिक छंदों की सबसे मान्य विवेचना है। इनके विवरण इस सूची में दिए गए हैं- छंद नाम मात्राओं की संख्या विन्यास उदाहरण - टीका अत्यष्टि ६८ १२+१२+८+८+८+१२+८ ऋग्वेद ९.१११.३ अतिजगती ५२ ११ + १० + १० + १० + ११ ऋग्वेद ५.८७.१ अतिशक्वरी ६० १६ +१६ + १२ +८ ८ ६.१५.६ अनुष्टुप ३२ ८ +८ +८ +८ ३.५३.१२ अष्टि ६४ १६ +१६+ १६+ ८+ ८ ४.१.१, २.२२.१ उष्णिक् २८ ८+ ८+ १२ ३.१०.३ एकपदा विराट १० १० १०.२०.१, इसको दशाक्षरा भी कहते हैं क्योंकि एक ही पङक्ति में १० अक्षर होते हैं। गायत्री २४ ८+ ८+ ८ ३.११.४, प्रसिद्ध गायत्री मंत्र जगती ४८ १२+१२+१२+१२ ९.६८.१ त्रिषटुप ४४ ११ +११+ ११+ ११ १०.१.३ द्विपदा विराट २० १२ ८ १० १० धृति ७२ १२+१२+ ८+ ८+ ८+ १६+ ८ ४.१.३ पंक्ति ४० ८+ ८+ ८+ ८+ ८ ५.६.२ प्रगाथ ७२ ८+ ८+ ८+ १२+ १२+ १२+ १२ ३.१६.३ प्रस्तार पंक्ति ४० १२+ १२+ ८+ ८ ६.९.७५ बृहती ३६ ८+ ८+ १२+ ८ ३.९.१ महाबृहती ४४ ८+ ८+ ८+ ८+ १२ ६.४८.२१ विराट ४० १०+ १० +१०+ १० ६.२०.७ शक्वरी ५६ ८ +८+ ८+ ८+ ८+ ८+ ८ ५.२७.५ महत्त्वपूर्ण कड़ियाँ संपादित करें छंद ज्ञात करने के लिए संवाद Last edited 9 months ago by Kriteesh RELATED PAGES वेदांग गायत्री छंद वैदिक छन्द सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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