Monday, 6 November 2017

देवी माँ प्रकट हुई थी बिजली की तरह

BABAMAHAKAAL MENU UNCATEGORIZED अद्भुत मंदिर अविश्वसनीय रहस्य उज्जैनी नगरी बाबा महाकाल सनातन धर्म हिंदू देवी देवता अधुब्ध मंदिर जहाँ देवी माँ प्रकट हुई थी बिजली की तरह..!!! जरुर जाने !! deepika | November 6, 2017 | Uncategorized | No Comments बिजलेश्वरी देवी का मन्दिर श्रद्धालुओं के आस्था एवं विश्वास का केन्द्र है। इस मन्दिर के बारे में माना जाता है कि यहां पर देवी मां बिजली की तरह प्रगट हुई थी।यह मंदिर बलरामपुर जनपद मुख्यालय से मात्र तीन किमी दूरी पर स्थित है एवं जिसके कारण ही इस स्थान का नाम बिजलीपुर पड़ा तथा मन्दिर को बिजलेश्वरी देवी के नाम से जाना गया। बलरामपुर मां बिजलेश्वरी मन्दिर नगर परिक्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रवासियों के आस्था का प्रमुख केन्द्र है। मन्दिर के निर्माण के सम्बन्ध में यह भी कहा जाता है कि एक संत बाबा जयराम भारती राप्ती नदी के किनारे कुटी बनकर रहते थे। प्रतिदिन वह नदी पार करके शक्तिपीठ देवीपाटन मन्दिर दर्शन करने जाया करते थे। बाबा देवी दर्शन के उपरान्त ही अन्न जल ग्रहण करते थे। एक बार की बात है राप्ती नदी में भंयकर बाढ़ आ गई तथा बाबा नदी न पार कर पाने के कारण भूखे प्यासे ही रहे। तब देवी मां ने अपने इस भक्त की श्रद्धा व विश्वास को देखते हुये स्वयं दर्शन दिया तथा बाबा से कहा कि अब तुम्हे मेरे दर्शन के लिए पाटन नहीं आना पड़ेगा, अब तुम मेरी पूजा अर्चना   बिजलेश्वरी देवी मंदिर यहीं करो। बताया जाता है इस स्थान पर अभी भी देवी मां के पद चिन्ह बने हुए हैं। तभी से बाबा उसी स्थान पर अपनी पूजा अर्चना करने लगे। जब इस बात का पता बलरामपुर के तत्कालीन महाराजा को चला तो वह भी देवी मां के दर्शन के लिए चल पड़े। देवी मां के सच्चे उपासक होने के कारण महाराजा ने उस स्थान पर एक भव्य मन्दिर बनवाया। बलरामपुर शिल्पकला की दृष्टि से अलौकिक कला का नमूना है। मन्दिर के गर्भ गृह में मां आदि शक्ति का स्थान है। वहीं, मन्दिर के चारों किनारे पर अन्य देवी-देवताओं के मन्दिर बने हैं। इस मन्दिर की स्थापना को लेकर यह भी बताया जाता है कि, लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तक जहां यह मन्दिर है वहां देवी का चबूतरा और एक पीपल का पेड़ था। श्रद्धालु वहीं पूजा अर्चना करते थे। बिजलेश्वरी देवी मंदिर बलरामपुर के तत्कालीन नरेश दिग्विजय सिंह ने अपने किसी मनोरथ की पूर्ति के लिए इस देवी स्थान पर मन्दिर बनवाने की मनौती मानी थी। मन्नत पूर्ण होने पर मन्दिर बनवाने के लिए पहुचें तो वहां पर पीपल का पेड़ लगा देखा। पीपल के पेड़ को देवता के रूप में पूजा जाता है, जिससे राजा दुविधा में पड़ गए। देवी मां ने बलरामपुर नरेश की मन: स्थिति को समझकर बिजली रूप में पेड़ पर गिरकर उसे समाप्त कर दिया तथा मन्दिर बनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। बिजलेश्वरी देवी मंदिर में श्री यन्त्र बलरामपुर नरेश ने मन्दिर का निर्माण कराया तथा काशी के विद्धान पण्डितों को बुलाकर श्रीयंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कराई।मां बिजलेश्वरी देवी के मंदिर में स्थापित श्रीयंत्र का दर्शन भक्त मां के स्वरूप के रूप में करते हैं। पूरा मंदिर चारों कोनों पर छोटे-छोटे मंदिर बने हैं। पत्थरों पर की गई नक्काशी स्थापत्य कला का नमूना है। पत्थरों से बने मंदिर पर पशु पक्षियों के साथ देवी देवताओं की आकृतियां सभी का मन मोह लेती हैं। श्रद्धालु यहां भगवान विष्णु, बिजलेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ शिव, गणेश व सूर्य का पूजन श्रद्धापूर्वक करते हैं। बिजलीपुर गांव में स्थित मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी है। मंदिर में मांगलिक कार्यक्रमों में पूरे वर्ष धूम रहती है।  श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मन्दिर में जो भी मन्नत मानी जाती है वह देवी की पूजन अर्चना पूरी श्रद्धा व मनोयोग से करने पर पूरी हो जाती है। इसी विश्वास से यहां साल भर तथा विशेष रूप से चैत्र व शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इन दिनों मन्दिर प्रांगण में श्रद्धालुओं द्वारा मुण्डन संस्कार से लेकर अन्य शुभ कार्य कियें जाते है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु आसपास के जनपदों से आ कर यहां पूजा अर्चना करते है। ॥ जय माँ बिजलेश्वरी देवी ॥ by बिना हेयर ट्रांसप्लांट रातों-रात बाल उगाने का 1 आसान नुस्खा Health Reports 1 आसान उपाय गंजे सिर पर उगाय घने बाल (बिना ट्रांसप्लांट) Health Reports स्तन बड़े करने का वो राज जो सारी दुनिया जानती है! और पढ़ें यहाँ! टाइप 2 डायबिटीज़ नॉर्मल करने का 1 नया नुस्खा (आज ही करें) पतला शरीर पाएं! बिना जिम में पसीना बहाए (1चमत्कारी बूटी) Slim Now Type-2 Diabetes Breakthrough:1 Method Lower Blood Sugar In 9 Days Tags:bijleshwari mandir, बिजलेश्वरी देवी मंदिर RELATED POSTS यहाँ जानिए “आखिर क्यों” नहीं कटवाने चाहिए मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को नाख़ून और बाल…!!! 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