Monday, 23 October 2017

गीता अध्याय 16 श्लोक (मन्त्र) 23 में व्यर्थ कहा है तथा (श्लोक) मन्त्र 24

आँख बन्द करके हठ
योग क्रियाऐं देते हैं
जो शास्त्रविरूद्ध हैं
मोक्ष दायक नहीं हैं।
भावार्थ है कि ओम्-तत्
(सांकेतिक) तथा सत्
(सांकेतिक) के अतिरिक्त
सर्व साधना शास्त्र
विरूद्ध अर्थात्
मनमाना आचरण (पूजा)
है। जो पवित्र
गीता अध्याय 16 श्लोक
(मन्त्र) 23 में व्यर्थ
कहा है तथा (श्लोक)
मन्त्र 24 में कहा है
कि परमात्मा की भक्ति के
लिए शास्त्रों(वेदों)
को ही आधार मानें।
इनके (गीता , वेदोँ )
अलावा की गई
साधना शास्त्र विरूद्ध
है, मोक्ष दायक नहीं है।
साभार

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