Friday, 13 October 2017
अमृत की बूंदे जहाँ जहाँ गिरी वहां से ये अमृता (गिलोय)
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गिलोय है आयुर्वेद की अमृत सर्दी जुकाम से कैंसर तक के रोगों में है लाजवाब. किसी भी बीमारी में इस्तेमाल कर के देखें.
admin गिलोय 19 Comments 65,741 Views
गिलोय – आयुर्वेद की अमृत – अमृता ।
गिलोय या गुडुची, जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, गिलोय का आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके पत्ते पान के पत्ते कि तरह होते हैं। आयुर्वेद मे इसको कई नामो से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा,चक्रांगी, आदि। ये एक दिव्या औषिधि हैं, मधुपर्णी मराठी में गुलवेल। इसके सेवन से आपको नयी ज़िन्दगी मिल सकती हैं। ये पुरे देश में उपलब्ध होती हैं। इसके खास गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है और इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रो में ये कहा गया हैं के सागर मंथन के समय जो अमृत मिला तो वह अमृत की बूंदे जहाँ जहाँ गिरी वहां से ये अमृता (गिलोय) पैदा हुयी। प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास तत्व के रुप में किया जाता है।
आयुर्वेद में यह बुखार की सर्वोत्तम औषधि के रूप में मानी गई है, कैसा भी और कितना भी पुराना बुखार हो, इसके रोज़ाना सेवन से सब सही होता हैं। गिलोय की लता पार्क में, घरो में, जंगलों, खेतों की मेड़ों, पहाड़ों की चट्टानों आदि स्थानों पर सामान्यतया कुण्डलाकार चढ़ती पाई जाती है। यह पत्तियां नीम और आम के पेड़ों के आस पास अधिक पाई जाती हैं। जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनती है, उसके गुण भी इसमें समाहित रहते हैं । इस दृष्टि से नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है।
गिलोय की पत्तियों और तनों से सत्व निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है। गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर का माना जाता है। यह तैलीय होने के साथ साथ स्वाद में कडवा और हल्की झनझनाहट लाने वाला होता है।
अगर आप सुबह उठ कर इसकी छोटी सी डंडी को चबा चबा कर खा लेंगे तो आपके लिए ये संजीवनी की तरह काम करेगी। और कैसा भी असाध्य रोग हो ये उस को चुटकी बजाते हुए खत्म कर देगी।
गिलोय में अनेका अनेक गुण समाये हुए हैं। गिलोय शरीर के तीनो दोषों (वात, पित्, और कफ) को संतुलित करती है और शरीर का कायाकल्प करने की क्षमता रखती है। इसमें सूजन कम करने, शुगर को नियंत्रित करने, गठिया रोग से लड़ने के अलावा शरीर शोधन के भी गुण होते हैं। गिलोय के इस्तेमाल से सांस संबंधी रोग जैसे दमा और खांसी में फायदा होता है। गिलोय का उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, धातू विकार, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, चर्म रोग, झाइयां, झुर्रियां, कमजोरी, गले के संक्रमण, खाँसी, छींक, विषम ज्वर नाशक, टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, पेट कृमि, पेट के रोग, सीने में जकड़न, जोडों में दर्द, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, हृदय दौर्बल्य,(टीबी), लीवर, किडनी, मूत्र रोग, मधुमेह, रक्तशोधक, रोग पतिरोधक, गैस, बुढापा रोकने वाली, खांसी मिटाने वाली, भूख बढ़ाने वाली पाकृतिक औषधि के रूप में खूब प्रयोग होता है। इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस दूर किए जा सकते हैं। इसे खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर माना जाता है।
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, ह्रुदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिये तो यह महा विनाशक है।
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारीयां (गठिया) रोग ठीक होता है।
सूजन कम करने के गुण के कारण, यह गठिया और आर्थेराइटिस से बचाव में अत्यधिक लाभकारी है। गिलोय के पाउडर को सौंठ की समान मात्रा और गुगुल के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से इन बीमारियों में काफी लाभ मिलता है। इसी प्रकार अगर ताजी पत्तियां या तना उपलब्ध हों तो इनका ज्यूस पीने से भी आराम होता है।
गिलोय की जड़ें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है। यह कैंसर की रोकथाम और उपचार में प्रयोग की जाती है।
गिलोय का रस और गेहूं के जवारे का रस लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर इस में तुलसी और नीम के 5 – 7 पत्ते पीस कर मिला लीजिये इस की एक कप की मात्रा खाली पेट सेवन करने से ये रक्त कैंसर के विनाश के लिए अमृत सामान औषिधि बन जाती हैं। अगर आपकी कोई अलोपथी चिकित्सा चल रही हैं तो आप उसके साथ में इसको कर सकते हैं। उसके साथ इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं हैं। ये प्रयोग अनीमिया के रोगियों (जिनको बार बार खून चढ़ाना पड़ता हैं) के लिए भी अमृत सामान हैं।
गेंहू के जवारों के लिए आप हमारी ये पोस्ट पढ़ सकते हैं। “गेंहू के जवारे”
गिलोय उच्च कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने के लिए, शर्करा का स्तर बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर को दिल से संबंधित बीमारियों से बचाए रखता है।
गिलोय के 6 इंच के तने को लेकर कुचल ले उसमे 4 -5 पत्तियां तुलसी की मिला ले इसको एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर इसका काढा बनाकर पीजिये। और इस काढ़े में तीन चम्मच एलोवेरा का गूदा मिला कर नियमित रूप से सेवन करते रहने से जिन्दगी भर कोई भी बीमारी नहीं आती। और इसमें पपीता के 3-4 ताज़ा पत्तो का रस मिला कर दिन में तीन चार बार (हर तीन चार घंटे के बाद) लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है प्लेटलेट बढ़ाने का इस से बढ़िया कोई इलाज नहीं है यह चिकन गुनियां डेंगू स्वायन फ्लू और बर्ड फ्लू में रामबाण होता है।
गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।
क्षय (टी .बी .) रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।
दस्त पेचिश और आंव में इस की ताज़ा डंडी को थोड़ा कूट कर इसको थोड़े से पानी के साथ पिए। आपको बहुत आराम आएगा।
एक चम्मच गिलोय का चूर्ण खाण्ड या गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।
प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी में मिलाकर या शहद गुड़ या मिश्री के साथ गिलोय का रस मिलकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
हिचकी आने पर गिलोय के काढ़े में मिश्री मिला कर देने से हिचकी सही होती हैं।
फटी त्वचा के लिए गिलोय का तेल दूध में मिलाकर गर्म करके ठंडा करें। इस तेल को फटी त्वचा पर लगाए वातरक्त दोष दूर होकर त्वचा कोमल और साफ होती है।
इसका नियमित प्रयोग सभी प्रकार के बुखार, फ्लू, पेट कृमि, खून की कमी, निम्न रक्तचाप, दिल की कमजोरी, टीबी, मूत्र रोग, एलर्जी, पेट के रोग, मधुमेह, चर्म रोग आदि अनेक बीमारियों से बचाता है।
गिलोय भूख भी बढ़ाती है। एक बार में गिलोय की लगभग 20 ग्राम मात्रा ली जा सकती है।
मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।
मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।
गिलोय का रास शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानो में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। और गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके इस रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
गिलोय और पुनर्नवा मूल को कूट कर इसका रस निकाल लीजिये इस में शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है। यकृत(LIVER) में अगरSGOT या SGPTABNORMAL हैं या BILIRUBIN बढ़ा हैं तो भी इस से ये ठीक होता हैं।
प्रमेह,प्रदर, कमज़ोरी व् धातु क्षीणता होने पर इसको कूट कर रात में पानी मिला कर रख दीजिये और सुबह इसको निचोड़ कर इस पानी को पी लीजिये, ये थोड़ा कड़वा होगा, कड़वापन दूर करने के लिए आप इसमें मिश्री या शहद मिला कर इसको पीजिये। इसको पीने से आपके चेहरे से झुर्रिया व् झाइयां खत्म होंगी और चेहरे पर कांति आएगी। मधुमेह के रोगी इसमें शहद या मिश्री ना मिलाये।
ये बुढ़ापे को रोकने वाली, जवानी को बना कर रखने वाली दिव्या औषिधि हैं। अगर आपको किसी भी प्रकार का दाद, खाज, खुजली, एक्ज़िमा, सीरोसिस, चाहे लिवर के अंदर ट्यूमर, फाइब्रोसिस में भी ये लाभकारी हैं।
मधुमेह के रोगी अगर सुबह इसकी ६ इंच की ताज़ा डंडी को चबा चबा कर चूसे तो कुछ दिनों में उनका मधुमेह का रोग सही हो जाता हैं।
गिलोय में शरीर में शुगर और लिपिड के स्तर को कम करने का खास गुण होता है। इसके इस गुण के कारण यह डायबीटिज टाइप 2 के उपचार में बहुत कारगर है।
गिलोय रसायन यानी ताजगी लाने वाले तत्व के रुप में कार्य करता है। इससे इम्यूनिटी सिस्टम में सुधार आता है और शरीर में अतिआवश्यक सफेद सेल्स की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। यह शरीर के भीतर सफाई करके लीवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनाता है। यह शरीर को बैक्टिरिया जनित रोगों से सुरक्षित रखता है। इसका उपयोग सेक्स संबंधी रोगों के इलाज में भी किया जाता है।
वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार इसमें एल्केलाइड गिलोइन नामक कड़वा ग्लूकोसाइड, वसा, अल्कोहल, ग्लिस्टरोल, अम्ल व उडऩशील तेल होते हैं। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस और तने में स्टार्च पाया जाता है। वायरसों की दुश्मन गिलोय रोग संक्रमण रोकने में सक्षम होती है। यह एक श्रेष्ठ एंटीबयोटिक है।
टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, एलीफेंटिएसिस, विषम ज्वर, उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, तिल्ली बढऩा, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, कुष्ठ आदि में गिलोय का सेवन आश्चर्यजनक परिणाम देता है। यह शरीर में इंसुलिन उत्पादन क्षमता बढ़ाती है। गिलोय बीमारियों से लडऩे, उन्हें मिटाने और रोगी में शक्ति के संचरण में यह अपनी विशिष्ट भूमिका निभाती है।
शरीर में पाचनतंत्र को सुधारने में गिलोय काफी मददगार होता है। गिलोय के चूर्ण को आंवला चूर्ण या मुरब्बे के साथ खाने से गैस में फायदा होता है। गिलोय के ज्यूस को छाछ के साथ मिलाकर पीने से अपाचन की समस्या दूर होती है साथ ही साथ बवासीर से भी छुटकारा मिलता है।
गिलोय एडाप्टोजेनिक हर्ब है अत:मानसिक दवाब और चिंता को दूर करने के लिए उपयोग अत्यधिक लाभकारी है। गिलोय चूर्ण को अश्वगंधा और शतावरी के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें याददाश्त बढ़ाने का गुण होता है। यह शरीर और दिमाग पर उम्र बढ़ने के प्रभाव की गति को कम करता है।
अगर ये आपके घर में नहीं है तो आप इसको अपने घर में ज़रूर लगाये। ये भारत के असली मनी प्लांट हैं, नकली मनी प्लांट को घर से निकाल कर बाहर करे। अगर आप इसकी डंडी काट कर अपने घर में किसी गमले में या मिटटी में लगा देंगे तो ये वहां अपने आप ही उग आएगी।
गर्भवती महिलाओं को बिना चिकित्सकीय सलाह के इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।
इसमें अनंत गुण हैं, हमारा सामर्थ्य इतना नहीं हैं के हम इनके सम्पूर्ण गुणों को आपको बता सके।
[Read. पृथ्वी की संजीवनी, गेंहू के जवारे।]
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19 comments
Anand yadav September 23, 2015 at 11:46 am
Guide me about gas problam
Reply
AJAY September 30, 2015 at 10:51 pm
V .NICE
Reply
Alok agrawal January 22, 2016 at 1:52 pm
Very very nice
Reply
Rohit January 22, 2016 at 3:24 pm
Sir
Please
Kya Aap Mujhe gfr ko badane ka upaye bta sakte h.
Please sir………
Reply
Devendra January 22, 2016 at 7:05 pm
Very nice
Reply
ravi kubavat February 13, 2016 at 6:23 am
ye giloy ko guj.lengvej me kya kehte he batyae plz.
Reply
Deepika Gupta. February 14, 2016 at 12:56 pm
Hi Everyone!
I have been suffering from ACIDITY for 7 years. Any one plz provide me, Permanent Natural solution for Acidity, plz
Reply
dr ajay yadav May 10, 2016 at 10:29 pm
avipatikar churan daily 5 to 10 gmpani ke sath lo or triphla churan..n for more information can wtsap me08951111100 about aurrvedic treatment
Reply
vijay yadav November 1, 2016 at 3:36 pm
अच्छी नीद के उपाय बताये
Reply
Deepika Gupta February 14, 2016 at 12:58 pm
Hi Everyone!
I have been suffering from ACIDITY for 7 years. Any one plz provide me, Permanent Natural solution for Acidity, plz…
Reply
bipad taran badyaakar July 3, 2016 at 11:14 pm
Giloy kaisa gain pic dekhne se pahechan na subidha hoti gain.pls iska pic to post kijiye
Reply
Tularam dewan July 16, 2016 at 8:49 pm
I think its more better if there is picture what you post ……….its more easy to know.
Reply
mukesh kumar singh August 9, 2016 at 3:56 pm
Giloye satva banane ka tareka bataey please
Reply
vishal August 9, 2016 at 9:07 pm
Bilkul sir kabhi suna nai that Etna faudemand bail ha ye gloe yki
Reply
Mahendra Patel August 11, 2016 at 4:46 pm
Very nice
Reply
shreya September 15, 2016 at 2:11 pm
Kya citika paink liyekoi upaye h ghrelu
Reply
RASHMIN M. DAVE September 15, 2016 at 9:39 pm
Dipika Guptaji,
No medicine required 4 ACDT.
ONLY QUIT PANEE PEENA B4 & AFTER 1to dedh
Ghanta During each diet(lunch-Dinner-Break fast).During diet don’t take panee.
Within 15 days u will feel easy.
Reply
sunil rawat October 27, 2016 at 4:11 pm
sir hume psoriasis ho gaya hai please uchit treatment bataye
Reply
nk mishra February 2, 2017 at 3:01 pm
ye kya hota giloye kaha mile ga sir plz mujhe bta dijiye
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