-ब्राह्मण के नौ गुण -----
रिजुः तपस्वी सन्तोषी क्षमाशीलाे जितेन्र्दियः।
दाता शूर दयालुश्च ब्राह्मणाे नवभिर्गुणैः।।
रिजुः = सरल हो
तपस्वी = तप करनेवाला हो
सन्ताेषी= मेहनत की कमाई पर सन्तुष्ट रहनेवाला हो
क्षमाशीलाे= क्षमा करनेवाला हो
जितेन्र्दियः = इन्र्दियाें को वश में रखनेवाला हाे
दाता= दान करनेवाला हो
शूर = बहादुर हो
दयालुश्च= सब पर दया करनेवाला हाे
इन नौ गुणों से सम्पन्न व्यक्ति ही ब्राह्मण हाेता है। श्री राम जी ने श्री परशुराम जी से कहा,
देव एक गुन धनुष हमारे।
नौ गुन परम पुनीत तुम्हारे।।
जय सिया राम
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