Friday, 13 October 2017
आंवले के औषधीय गुण

आंवले के औषधीय गुण जानकर दंग रह जाएंगे आप
By: Pallavi Thakur

आंवला खाएं स्वस्थ्य रहें
आंवला प्राकृति का दिया हुआ ऐसा तोहफा है जिससे हमारे शरीर की कई सारी बीमारियों का नाश हो सकता है। यदि आपको अच्छी सेहत का मालिक बनना है तो आंवला का जूस अभी से ही पीना शुरु कर दें। आंवला में आयरन और विटामिन सी भरा पड़ा होता है। आंवले का जूस रोजाना लेने से पाचन दुरुस्त, त्वचा में चमक, त्वचा के रोगों में लाभ, बालों की चमक बढाने, बालों को सफेद होने से रोकने के अलावा और भी बहुत सारे फायदे हैं, आइए जानें...

विटामिन सी का भंडार
आयुर्वेद में आंवले को जो सम्मान हासिल है वह किसी दूसरे फल, जड़ी अथवा बूटी को नहीं मिलता। यह विटामिन सी का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके अलावा इसमें गैलिक एसिड, टैनिक एसिड, शर्करा तथा कैल्शियम भी पाया जाता है। आंवले के रस में संतरे के रस की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन सी पाया जाता है।

बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट
आंवले को आयुर्वेद में 'रसायन' वर्ग में रखा गया है। अर्थात यह शरीर का पोषण करने के गुण रख़ता है। आधुनिक संदर्भ में इसे बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट माना गया है। अत: इसके सेवन से व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है। आंवला फल के सीधे सेवन के अलावा चूर्ण एवं स्वरस के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है।

पौष्टिक महत्व
आंवले के पेड़ की ऊचांई लगभग 6 से 8 तक मीटर तक होती है। आंवले के पत्ते इमली के पत्तों की तरह लगभग आधा इंच लंबे होते हैं। इसके पुष्प हरे-पीले रंग के बहुत छोटे गुच्छों में लगते हैं तथा फल गोलाकार लगभग 2.5 से 5 सेमी व्यास के हरे, पीले रंग के होते हैं। पके फलों का रंग लालिमायुक्त होता है। यह कई बीमारियों को दूर करता है। इसका अपना पौष्टिक महत्व भी है।

आंवले के गुण
आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं। आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता। आंवले में क्रोमियम काफी मात्रा में होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। दरअसल, क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को ऐक्टिवेट करता है और इस हॉर्मोन का काम शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना होता है।

आंवले के गुण
आंवला हरा, ताजा हो या सुखाया हुआ पुराना हो, इसके गुण नष्ट नहीं होते। इसकी अम्लता इसके गुणों की रक्षा करती है। आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीएं। यह मोतियाबिंद की परेशानी में भी फायदेमंद रहता है।

आंवले के गुण
आंवला बॉडी की इम्युनिटी पावर बढ़ाकर उसे इंफेक्शंस से लडऩे की स्ट्रेंथ देता हैं। सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आप सालभर स्वस्थ बने रहेंगे। आंवला हमारी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है।
आंवले के गुण
आंवला अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है। आंवला हमारे शरीर की त्वचा और हमारे बालों के लिए बहुत लाभकारी होता है। आंवला खाने से सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
आंवले के गुण
दिल को सेहतमंद रखने के लिए रोजा आंवला खाने की आदत डालें। इससे आपके दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी, जिससे दिल शरीर को ज्यादा व साफ खून सप्लाई कर पाएगा। बेशक इससे आप सेहतमंद रहेंगे।
आंवले के गुण
आंवला बालों को मजबूत बनाता है, इनकी जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झडऩा भी काफी हद तक रोकता है। आंवला खाने से कब्ज दूर होती है। यह डायरिया जैसी परेशानियों को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।
आंवले के गुण
खाना खाने से पहले आंवले का पाउडर, शहद और मक्खन मिलाकर खाने से भूख अच्छी लगती है। एसीडिटी की समस्या है, तो एक ग्राम आंवला पाउडर और थोड़ी-सी चीनी को एक गिलास पानी या दूध में मिलाकर लें।
आंवले के गुण
आंवला खाने को अच्छी तरह पचाने में मदद करता है, जिससे आपको खाने के तमाम न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। आंवले के ताजे रस में चीनी मिलाकर प्रतिदिन सुबह पीने से यूरिन की जलन दूर हो जाती है।
आंवले के गुण
आंवले का मुरब्बा प्रतिदिनसुबह-सुबह खाने से हाई ब्लडपे्रशर में बहुत फायदा होता है। नारियल के पानी के साथ आंवले के चूर्ण का सेवन करने से खट्टी डकारें आनी बंद हो जाती हैं।
आंवले के गुण
आंवले के चूर्ण का उबटन चेहरे पर लगाये चेहरा साफ होगा दाग धब्बे दूर होंगे। गर्मियों में चक्कर आता हो जी घबराता हो तो आंवले का शर्बत पियें। आवाज बैठ गई हो, तो पिसे आंवले की फंली लें।
खाने के बाद बस कुछ देर ऐसे बैठें
खाने के बाद बस कुछ देर ऐसे बैठें तो पेट की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी अगर आप गैस, एसीडिटी या पेट से जुड़ी अन्य किसी समस्या से परेशान हैं? पाचनतंत्र से जुड़ी इन समस्याओं के कारण आपको पेट का दर्द आए दिन परेशान करता रहता है तो वज्रासन दस मिनट करें।
वज्रासन करने की विधि
वज्रासन ही एक मात्र ऐसा आसन हैं जो खाने के बाद किया जाता है। वज्रासन हमारा पाचन तंत्र व्यवस्थित रखता है। इसी लिए प्रतिदिन खाने के बाद कुछ समय वज्रासन अवश्य करें। खाने के कुछ पश्चात समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर घुटनों को मोड़कर बैठें, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एडिय़ों में अंतर भी बना रहे।
वज्रासन करने की विधि
दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर न झुकें और शरीर को सीधा रखें। हाथों और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर लें। अपना ध्यान सांस की तरफ बनाए रखें। धीरे-धीरे आपका मन भी शांत हो जाएगा। इस आसन में पाँच मिनट तक बैठना चाहिए।
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