Thursday, 17 August 2017

हनुमान चालीसा पढ़ने का यह है सही तरीका

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Monday, January 26, 2015
हनुमान चालीसा की सिद्धि
  हनुमान चालीसा की सिद्धि

* 3 फरवरी को मंगलवारीय पूर्णिमा + पुष्य नक्षत्र का शुभ योग *~ 3 फरवरी से शुरू करे संकट हरण-मंगल करण"हनुमान चालीसा" की सिद्धि~===================================================मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगलमय हनुमान मेरे मित्रो कई लोग मुझसे हनुमान चालीसा की सिद्धि की जिज्ञासा करते है ! 3 फरवरी को मंगलवारीय पूर्णिमा + पुष्य नक्षत्र का शुभ योग पर सर्व जन हितार्थ श्री हनुमान चालीसा की साधना प्रस्तुत करते है, जो मुझ सहित अनेकानेक साधको एवं हनुमान भक्तो द्वारा की हुई है ! इसकी साधना आज मंगलवार से शुरू करे ! इसके लिये आप को आवश्यकता है हनुमान जी के एक मनभावन सुन्दर चित्र की, लकड़ी की चौकी, धूप , दीप, फल, धोती, सिंदूर, लाल कपड़ा,108 चने या तिल की रेवड़ी के दाने एवं स्वयं के लिए कुशासन या उनी कम्बल की ! यह साधना 21 दिनो की है ! या तो लगातार 21 दिनों तक प्रतिदिन यह साधना करे या यह हर मंगलवार को कुल 21 मंगलवारयह साधना करे ! साधना के लिये एकांत आवश्यक है! साधना के दिन स्नान आदि से निवृत हो लाल धोतीपहन के कुश या उन के आसन पर बैठ कर अपने सामने लकड़ी के पटे ( पाटिये ) पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर हनुमान जी के चित्र को स्थापित करे ! उन्हे सिंदूर से तिलक करे राम राम कह कर आने की प्रार्थना करे ! फिर धूप दीप करे फल भेंट करे तथा जो 108 चने या तिल की रेवड़ी आपने ली थीवे सामने एक कटोरी मे रखें ! इस साधना मे आप को श्री हनुमान चालीसा के 108 पाठ करने है ! 21 मंगलवार मे पूजा के बाद आप हनुमान-चालीसा पढ़ते जाए और एक पाठ होने पर एक चना या तिल की रेवड़ी हनुमान जी को चढ़ाते जाए इस के बाद जितने चने आप पाठ के समय चढा चुके उन्हे अलग रख ले और जो बच गये उन्हे अलग 21 दिनो मे 108 पाठ को आप अपनी सुविधानुसार बाट ले पर पूजा पाठ का क्रम यही रहेगा ! 21 वें दिन आप पूरे 108चने चढ़ा चुके होंगे अंतिम दिन पाठ पूरे होनेपर मंदिर जाए और साधना के दौरान भी हनुमत दर्शन करते रहे ! साधना के समय कम से कम मंगलवार व शनिवार को ब्रम्हचर्य आवश्यक है ! कुछ भी हो कैसा भी संकट आये आपने साधना शुरू कर दी तो छोड़ना नही प्रभु आपकी परीक्षा भी ले सकते है ! साधना से विचलित करेंगे पर आप दृढरहे क्योकि भक्ति मे अटूट शक्ति है और एक बार आपने यह साधना कर ली तो जो आनंद और जीवन मे उत्साह का प्रवाह होगा - वह वर्णन मै अपनी तुच्छ बुद्धि से नही कर सकता ! इस साधना से निश्चित ही आप की अभिलाषा की पूर्ति होगी , क्योकि तुलसीदास जी ने कहा है न -" कवन सो काज कठिन जग माही जो नही होहि तात तुम पाहि" साधनाका क्रम यही रहेगा 21 दिन तथा अंतिम दिन जो 108 चने या तिल की रेवड़ी आप ने प्रभु को अर्पण किये थे वो आप ही को खाना है किसी को देना नही है !

I ज्योतिषाचार्य  संदीप गीरी गौस्वामी I
राजकोट (Rajkot) गुजरात 
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View my complete profile   किसी भी भगवान की चालीसा चमत्कारी प्रभावों वाली होती है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो चालीसा का पाठ जितना आसान होता है उतना ही प्रभावशाली भी होता है. जिन भक्तों को मंत्रों के उच्चारण या जाप में मुश्किल होती है उनके लिए उपासना की सबसे उत्तम विधि है चालीसा का पाठ.           हनुमान चालीसा पढ़ने का यह है सही तरीका

Last Modified: Mon, Oct 10 2016. 22:15 IST

   

इसे हनुमान की उपासना की सबसे आसान विधि कहा जाताहै। इसमें चालीस लाइनें होती हैं। इसका पाठ काफी प्रभावशाली होता है। मंगलवार को बजरंग बली को खुश करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा पढ़ने की विधि: 

सही विधि: हनुमान चालीसा को पढ़ने का सही तरीका है कि सुबह हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठें। रोज कम से कम तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने से पहले सामने जल भर कर रखें और चालीसा पूरा होने पर उसे प्रसाद की तरह ग्रहण करें। कोशिश करें कि रोज सुबह-सुबह एक ही समय पूजा करें। अगर सुबह पूजा न कर पाएं तो रात को सोते समय भी चालीसा का पाठ कर सकते हैं। चालीसा को बोलकर ही करना चाहिए। 

HOME ASTROLOGY DHARMA KARMA   हनुमान चालीसा का यह प्रयोग तुरन्त संवारेगा बिगड़ी किस्मत SUNIL SHARMA Publish: Feb, 21 2015 06:22:00 (IST) DHARMA KARMA हनुमानचालीसा के कुछ विशेष तांत्रिक प्रयोग करने पर तुरंत प्रभाव होता है और व्यक्ति के बिगड़े कार्य बनते हैं यूं तो सभी हनुमान भक्त हनुमान चालीसा की शक्ति से परिचित हैं और आवश्यकतानुसार इसका अनुष्ठान करते हैं। आमतौर पर हनुमानचालीसा को वैदिक सूक्त मान कर भगवान से अर्जी लगाई जाती है। परन्तु इसके कुछ विशेष तांत्रिक प्रयोग भी हैं जिन्हें शुरू करने पर तुरंत प्रभाव होता है और व्यक्ति के बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। हनुमानचालीसा के विशिष्ट प्रयोगों में से एक प्रयोग है कि किसी भी मंगलवार या शनिवार के दिन से इस स्त्रोत को कम से कम 11 बार पाठ करना शुरू करें। यह पाठ किसी हनुमान मंदिर में या शिव मंदिर में हो तो बेहतर रहेगा। मंदिर न होने की स्थिति में रामदरबार की फोटो अपने घर पर ले आएं। पाठ करने के पहले हनुमानजी तथा भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मणजी को हाथ जोड़कर प्रणाम करें। संभव हो तो उन्हें पुष्प, दीप तथा प्रसाद अर्पण करें। इसके बाद शांत चित्त से एकाग्र होकर हनुमानजी का ध्यान क रते हुए पूरे मनोयोग से हनुमानचालिसा का 11 बार पाठ करें। इसके बाद प्रसाद खुद भी खाएं और दूसरों को भी बांट दें। इस उपाय को तब तक करना चाहिए जब तक कि आपकी समस्या पूर्ण रूप से दूर न हो जाएं। यदि समस्या बहुत ही विकट हो जाएं और आप हर तरफ से फंस जाएं तो हनुमानचालीसा का 11 बार पाठ करने की बजाय प्रतिदिन 108 बार पाठ करें। इस प्रयोग में इतनी शक्ति है कि एक बार मरते हुए व्यक्ति को भी जीवन दान दिया जा सकता है। चालीसा के इस पाठ से न केवल बिगड़े हुए काम ही संवरते हैं वरन भूत-प्रेत भी दूर भागते हैं। यदि किसी ने कोई जादू-टोना करवा रखा है और उससे आपका जीवन दुश्वार हो गया है तो इस प्रयोग को करने के पहले दिन से ही आपकी समस्याएं समाप्त होना शुरू हो जाएंगी। बेहद सावधानी चाहिए इस प्रयोग में ध्यान रखें यह दिखने में बेहद साधारण और सरल हैं परन्तु अत्यधिक उग्र तांत्रिक प्रयोग हैं। इसका उपयोग अति आवश्यकता होने पर ही करना चाहिए। उपयोग के समय मन में किसी प्रकार का विकार न हों और न ही कोई गलत कार्य करना चाहिए। समस्या का समाधान होने के बाद यदि आप चाहे तो इस प्रयोग को निरंतर चालू रख सकते हैं परन्तु मन में किसी प्रकार की इच्छा नहीं होनी चाहिए। भगवान मारूति स्वयं ही प्रसन्न होकर बिना मांगे आपको देते रहेंगे। विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मॅट्रिमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !  RELATED NEWS DHARMA KARMA सूर्य के इस उपाय से होता है तुरंत प्रमोशन, मिलता है राजपाट RELIGION AND SPIRITUALITY इस मंत्र के जाप से दिखने लगेगा भूत, भविष्य और वर्तमान DHARMA KARMA भोलेनाथ की उपासना से बनेंगे सारे बिगड़े काम  COMMENTS   ADVERTISEMENT  ADVERTISEMENT  astrology article in hindi religious article how to worship hanumanji powerful hanuman mantra jai sri ram mantra sundarkand ramcharitmanas religious article in hindi SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER Never miss any news  Email Address NEXT NEWS  हनुमान जी के ये टोटके दिलाएंगे आपको सफलता Rajasthan Patrika Live TV Play Video LATEST NEWS Home About Us Advertise Careers Newsroom Archive Privacy Policy Sitemap © 2017 Patrika Group 

Hanumaan Chalisa ka prayog kab or kaise Karen | हनुमान चालीसा का प्रयोग कब और कैसे करें 

सभी साधक गण हनुमान चालीसा को भलीभांति जानते भी है और मानते भी है. और उनमे से भी लगभग ९०% साधक तो प्रतिदिन इसका पाठ भी करते होंगे. लेकिन अगर उनसे पुछा जाए की भैया सब ठीक ठाक है ना, तो कोई भी ये नहीं बोलेगा की सब ठीक है. सब को समस्या ने घेरा हुआ है.

तो ऐसा क्यों होता है? क्या हनुमान जी कमजोर देवता है या वो हमारी पूजा को सुनते नहीं है?

क्या हनुमान चालीसा का कुछ प्रभाव नहीं है जो इतने दिन हो गए पाठ करते हुए और लाभ कुछ हुआ नहीं?

तो कब और कैसे करें हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए, जिस से की भगवान् हनुमान जी की पूर्ण  कृपा प्राप्त की जा सके?

हनुमान चालीसा के पाठ के फायदे अनगिनत है लेकिन कुछ मुख्य – २ फायदे निचे दिए गए है ध्यान से पढ़िए और गौर कीजिये.

-    जो साधक विधिपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करते है उनको कभी भी धन या पैसों का अभाव नहीं रहता है.
-    हनुमान चालीसा माँ दुर्गा की तरह शत्रुनाशक है. बस पाठ करने की विधि सही हो.
-    हनुमान चालीसा बुरी आत्माओं को दूर करता है. कितनी भी खतरनाक और बुरी आत्मा हो लेकिन हनुमान चालीसा से वो काबू में आती ही आती है और साधक को परेशान करना छोड़ देती है हमेशा के लिए.
-    हनुमान चालीसा का प्रभाव शनि प्रकोप से भी साधक की रक्षा करता है.
-    घर में या मिया बीवी में कोई अनबन चल रही हो और दूर न होकर बात बढती जा रही हो तो हनुमान जी की क्रपा से सब काबू में आ जाता है. बस विधि पूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ कीजिये.
-    मुख्यत हनुमान चालीसा बिलकूल सुरक्षित और शक्तिशाली है. इसके पाठ के पूरे फायदे हम नहीं गिन सकते, बस ये ध्यान रखे की अगर आप इसका पाठ प्रतिदिन करते है तो जीवन की कोई भी समस्या आपको परेशान नहीं कर सकती है.

हनुमान चालीसा के लिए आवश्यक सामग्री: १. साधक कैसे भी कपडे पहन सकता है लेकिन बस कपडे धुले हुए होने चाहिए और साधक को अच्छी तरह से नहा लेना चाहिए.
२. आसन, जिस पर बैठ कर पाठ करना है वो आसन लाल ही होना चाहिए और वो भी ऊनी ही बस.
३. प्रसाद चाहे कुछ भी चाहे गुड और चने हो या बूंदी या चूरमा हो, लेकिन तुलसी के पते जरूर होने चाहिए प्रसाद में.
४. हनुमान जी के श्रींगार  के लिए सिन्दूर, चमेली का तेल, और एक जनेऊ ही काफी है.

अब कैसे करें हनुमान चालीसा का पाठ:
-     सबसे पहले आप नहा धो कर स्वच्छ कपडे पहन कर, हनुमान जी को स्नान करा दीजिये. ध्यान रहिये गंगा जल का प्रयोग करना है.

-    ध्यान रहे मन, वाणी और शरीर से ब्रह्मचर्य का पालन करना है अनुष्ठान के दौरान.

-    ये पाठ आप शनिवार या मंगलवार को प्रारंभ कर सकते है. या तो लगातार ४० दिनों का अनुष्ठान कीजिये और या फिर हर शनिवार और मंगलवार को अगले ११ शनिवार और मंगरवार तक. १ दिन में २१ पाठ करने है. पाठ केवल सुबह ही करने है. सुबह ४ बजे पाठ प्रारंभ हो जाने चाहिए.

-    तब उन के शरीर पर चमेली के तेल और सिन्दूर से श्रींगार करना चाहिए. और जनेऊ पहनाना चाहिए.
-    अब चमेली के तेल का दीपक जलाओ और तुलसी पत्ता युक्त प्रसाद को वहीँ रख दो.

-    एक लौटा गंगा जल पूजा स्थल पर जरूर रखा रहने दो, और शुद्ध प्राकर्तिक धुप बत्ती या अगरबत्ती भी लगाओं.

-    अब सबसे पहले गणेश जी का और फिर गुरु का स्मरण करें और प्रणाम करें. तब अपने कुलदेवता और कुलदेवी को याद करें.

-    अब पारिवारिक देवता यानी पितृ देवता को स्मरण करें और उनको प्रणाम करें.

-    अब आपको श्री राम जी को याद करना है और उनकी निचे दी गयी पंक्ति का ७ या अधिक बार (जितना दिल करे) जप करना है, पंक्ति है – जय सिया राम जय जय सिया राम – ७

-    अब हनुमान जी का स्मरण करके हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ करना है. पाठ इस तरह करना है ध्यान से निचे दी गयी पंक्ति देखिये.
 
हनुमान चालीसा का प्रयोग कब और कैसे करें
हनुमान चालीसा का प्रयोग कब और कैसे करें
हनुमान चालीसा:
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
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जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
पवनतनय संकट हरनमंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहितहृदय बसहु सुर भूप॥
जय सिया राम जय जय सिया राम – २ (दो बार )
 
Hanumaan Chalisa ka prayog kab or kaise Karen
Hanumaan Chalisa ka prayog kab or kaise Karen

इस ढंग से किया गया हनुमान चालीसा का पाठ मनोवांछित फल प्रदान करता है. पाठ के बाद प्रसाद को बाँट दीजिये और गाय और बंदर को गुड या केला जरूर खिलाइए. जब आपकी चालीसा पूर्ण हो जाए तो जैसा पाठ किया है जप के दौरान उसी तरह हवन भी कीजिये हर चौपाई के बाद एक आहुति देनी होगी. और हवन के बाद आपको भूखों में चूरमे का या बूंदी का प्रसाद भी बांटना होगा तुलसी पत्ता युक्त. इसी तरह आपका अनुष्ठान का सफलता पूर्वक संपन्न होगा.


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1 comment:

  1. Hawan kaise karu kya ek ek chaupai ke baad aahuti deni hai sath Mein chaupai ke baad baad Jo aapne bataya hai jai siya ram wo bhi kehna hai tab aahuti Dena hai na kripya batayein jai siya ram

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