Sant Asaram Bapu कलयुग केवल नाम अधारा  Asaram Bapu Ji 2 years ago Advertisements   कलयुग केवल नाम अधारा “कलयुग केवल नाम अधारा, जपत जपति नर होय पारा” कलयुग में केवल नाम ही प्रभु स्मरण का एकमात्र आधार है. तुम राम का नाम लेते हो या कृष्ण का.. या किसी का भी.. उस में दिक्कत नहीं.. बस केवल नाम लो और उसमे प्रभु का स्मरण करो.. यही कलयुग में भाव पार होने का एकमात्र साधन है.” प्रेम से ऊँचा धरती पर कुछ नहीं. केवल प्रेम ही है जो सभी को बांधे रखता है. “सबसे ऊँची प्रेम सगाई ” प्रेम के वशीभूत हो ईश्वर, जब बुलाओ दौड़े चले आते है. विश्वास ना हो तो द्रोपदी से पूछ लो. जब धर्मसभा में भीष्म पितामह जैसे अकेले कुरु तक ने सिर झुका लिया और साडी का अकेला छोर बचा तो द्रोपदी दोनों हाथ उठाकर केवल कृष्ण को पुकारने लगी. और कृष्ण… वो तो जैसे तैयार ही बैठे थे. अचानक पीताम्बरी साडी ने आकार द्रोपदी को जैसे ढक दिया. प्रेम में इतनी क्षमता है कि वह प्रभु को भी प्रकट कर सकता है. मानस के छंद “हरी व्यापक सर्वत्र समाना” .प्रेम है तो ईश्वर है. रामकथा से प्रेम है अर्थात ईश्वर से प्रेम. सबसे बड़ा मन्त्र है प्रेम. बस इस प्रेम में कोई अहेतु नहीं होना चाहिए. कलयुग केवल नाम अधारा | सुमीर सुमीर नर उतरही पारा  Advertisements  Categories: SAtsang Tags: asharambapu, asharamji, अधारा, कलयुग, कलयुग केवल नाम अधारा, केवल, नाम, bapu, bharat bapu, guru, hari om, kirtan, om, prabhuji, sadguru, saiji, sant bharat, satsang, sewa Leave a Comment Sant Asaram Bapu Blog at WordPress.com. Back to top
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