Tuesday, 22 August 2017

वेदपाठ

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें वेदपाठ वेदपाठ का अर्थ वेद के मंत्रों को गाना या पढ़ना। वेदों के मौखिक पाठ की एक अत्यन्त प्राचीन परम्परा रही है। वेदपाठ की यह परम्परा सबसे प्राचीन बिना टूटे चली आ रही परम्परा मानी जाती है। यूनेस्को ने ७ नवम्बर २००३ को वेदपाठ को मानवता के मौखिक एवं अमूर्त विरासत की श्रेष्ठ कृति घोषित किया था। इन्हें भी देखें संपादित करें मानवता के मौखिक एवं अमूर्त विरासत की श्रेष्ठ कृतियाँ Last edited 2 years ago by अनुनाद सिंह RELATED PAGES संहिता परम्परा मानवता के मौखिक एवं अमूर्त विरासत की श्रेष्ठ कृतियाँ  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

No comments:

Post a Comment