Wednesday, 29 March 2017

महावतार बाबा

मुख्य मेनू खोलें  खोजें मेरी अधिसूचनाएँ दिखाएँ 1 संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें महावतार बाबाजी शिव महावतार बाबाजी  महावतार बाबाजी - Autobiography of a Yogi नामक पुस्तक से एक चित्र, जिसे योगानन्द जी ने स्वयं की ब्बाजी से हुई एक भॆंट के स्मरण के आधार पर बनाया था। जन्म नागराजन ३० नवम्बर २०३ ई.[1] परान्गीपेट्टै, तमिल नाडु, भारत गुरु/शिक्षक बोगर दर्शन क्रिया योग खिताब/सम्मान अमर गुरु; महामुनि बाबाजी महाराज, महायोगी; त्र्यम्बक बाबा; शिव बाबा एक भारतीय संत को लाहिड़ी महाशय और उनके अनेक चेलों[2] ने महावतार बाबाजी का नाम दिया जो 1861 और 1935 के बीच महावतार बाबाजी से मिले।  प्रार्थना इन भेंटों में से कुछ का वर्णन परमहंस योगानन्द ने अपनी पुस्तक एक योगी की आत्मकथा (1946) में किया है इसमें योगानन्द की महावतार बाबाजी के साथ स्वंय की भेट का प्रत्यक्ष वर्णन भी शामिल है।[3] एक और प्रत्यक्ष वर्णन श्री युक्तेश्वर गिरि ने अपनी पुस्तक द होली साईंस में दिया था।[4] ये सब वर्णन और बाबाजी महावतार के साथ हुई अन्य भेंटें योगानंद द्वारा उल्लिखित विभिन्न आत्मकथाओं[5][6][7] में वर्णित हैं। महावतार बाबाजी का असली नाम और जन्म तिथि ज्ञात नहीं है इसलिए उस अवधि के दौरान उनसे मिलनेवाले उन्हें सर्वप्रथम लाहिरी महाशय द्वारा दी गई पदवी के नाम से पुकारते थे।[3][7] "महावतार" का अर्थ है "महान अवतार" और "बाबाजी" का सरल सा मतलब है "श्रद्धेय पिता". कुछ मुलाकातें जिनके दो या अधिक साक्षी भी थे-महावतार बाबाजी से मुलाकात करने वाले उन सभी व्यक्तियों के बीच चर्चाओं से संकेत मिलता है कि वे सभी एक ही व्यक्ति से मिले थे।[3][5][6] महावतार बाबाजी के साथ मुलाकातें, 1861-1966 महावतार बाबाजी के बारे में पारंपरिक किंवदंतियां संवाद Last edited 3 days ago by चक्रबोट RELATED PAGES परमहंस योगानन्द क्रिया योग युक्तेश्वर गिरि  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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