Wednesday, 19 July 2017

ब्रह्मचर्य

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें ब्रह्मचर्य पेज समस्याएं ब्रह्मचर्य योग के आधारभूत स्तंभों में से एक है। ये वैदिक वर्णाश्रम का पहला आश्रम भी है, जिसके अनुसार ये ०-२५ वर्ष तक की आयु का होता है और जिस आश्रम का पालन करते हुए विद्यार्थियों को भावी जीवन के लिये शिक्षा ग्रहण करनी होती है। व्युत्पत्ति संपादित करें ये शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है:- ब्रह्म + चर्य , अर्थात ज्ञान प्राप्ति के लिए जीवन बिताना। योग संपादित करें योग में ब्रह्मचर्य का अर्थ अधिकतर यौन संयम समझा जाता है। यौन संयम का अर्थ अलग-अलग संदर्भों में अलग-अलग समझा जाता है, जैसे विवाहितों का एक-दूसरे के प्रति निष्ठावान रहना, या आध्यात्मिक आकांक्षी के लिये पूर्ण ब्रह्मचर्य। जैन धर्म में ब्रह्मचर्य संपादित करें ब्रह्मचर्य, जैन धर्म में पवित्र रहने का गुण है, यह जैन मुनि और श्रावक के पांच मुख्य व्रतों में से एक है (अन्य है सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह )| जैन मुनि और अर्यिकाओं दीक्षा लेने के लिए मन, वचन और काय में ब्रह्मचर्य अनिवार्य है। जैन श्रावक के लिए ब्रह्मचर्य का अर्थ है शुद्धता। यह यौन गतिविधियों में भोग को नियंत्रित करने के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण का अभ्यास के लिए है। जो अविवाहित हैं, उन जैन श्रावको के लिए, विवाह से पहले यौनाचार से दूर रहना अनिवार्य है। इन्हें भी देखें संपादित करें ब्रह्मचारी महावीर : बाल ब्रह्मचारी अपरिग्रह अहिंसा बाहरी कड़ियाँ संपादित करें १२० साल के बाबा ने बताया लम्बी उम्र का रहस्या (जागरण) India’s 'oldest man ever' says yoga, celibacy key to long life (The Hindu) Last edited 2 months ago by हिंदुस्थान वासी RELATED PAGES महावीर अहिंसा अपरिग्रह धार्मिक अवधारणा  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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