Monday, 21 August 2017

श्री पाद केशव भारती

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखें श्री पाद केशव भारती पेज समस्याएं श्री पाद केशव भारती गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु के गुरु थे। इन्होंने गौरांग को २४ वर्ष की आयु में १५१० में दीक्षा दी। उनका नाम बदल कर कृष्ण चैतन्य कर दिया। केशवदास जी के कुछ पद इस प्रकार से हैं:- हम तो हर दम ही श्यामा श्यामै लखैं। केशव भारती बचन यह साँचे भखैं। हरि के नाम कि धुनि पै सूरति रखैं। क्या अनुपम अभी रस मन भर चखैं। नहिं परदा नेकहू दुइ का रखैं। ५। जे सतगुरु से मारग ये नाहीं सिखैं। ते कर्मन को अपने नाहक झखैं। ज्ञान पढ़ि सुनि कहैं औ तन मन मखैं। ८। बाहरी कड़ियाँ संपादित करें केशवदास जी के पद साँचा:चैतन्य Last edited 3 years ago by Sanjeev bot RELATED PAGES केशव चैतन्य महाप्रभु गदाधर भट्ट  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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