Thursday, 17 August 2017

चतुः श्लोकी भागवत हिंदी भावार्थ सहित

RECKON TALK  ReckonTalk Team in ReligionSpritual चतुः श्लोकी भागवत हिंदी भावार्थ सहित   मनुष्य जीवन सांसारिक गतिविधियों और उठापटक से ओतप्रोत रहता है , कुछ लोग सांसारिक मोहमाया में फंसकर जीवन के लक्ष्य को नहीं समझ पाते है और उसी में फँस के रह जाते है उन्हें इस सांसारिक चक्र से मुक्ति दिलाने के लिए श्रीमद्भागवत हमेशा से ही एक प्रबल माध्यम रहा है चूँकि आजकल मनुष्य के पास इतना समय नहीं होता की वह श्रीमद्भागवत का प्रतिदिन पाठ कर सके उनकी इसी समस्या के समाधान के लिए हम अपने पाठको के लिए चतुः श्लोकी भागवत भावार्थ सहित लेकर आये है … उम्मीद है की यह श्लोक आपके जीवन में सफलता ,समृद्धि और शांति लेकर आए ! श्रीभगवानुवाच –   अहमेवासमेवाग्रे नान्यद् यत् सदसत् परम्। पश्चादहं यदेतच्च योऽवशिष्येत सोऽस्म्यहम् ॥१॥ श्री भगवान कहते हैं – सृष्टि से पूर्व केवल मैं ही था। सत्, असत् या उससे परे मुझसे भिन्न कुछ भी नहीं था। सृष्टि न रहने पर (प्रलय काल में) भी मैं ही रहता हूँ। यह सब सृष्टि रूप भी मैं ही हूँ और जो कुछ इस सृष्टि, स्थिति तथा प्रलय से बचा रहता है, वह भी मै ही हूँ॥१॥ ऋतेऽर्थं यत् प्रतीयेत न प्रतीयेत चात्मनि। तद्विद्यादात्मनो मायां यथाऽऽभासो यथा तमः ॥२॥ जो मुझ मूल तत्त्व के अतिरिक्त (सत्य सा) प्रतीत होता(दिखाई देता) है परन्तु आत्मा में प्रतीत नहीं होता (दिखाई नहीं देता), उस अज्ञान को आत्मा की माया समझो जो प्रतिबिम्ब या अंधकार की भांति मिथ्या है॥२॥ यथा महान्ति भूतानि भूतेषूच्चावचेष्वनु। प्रविष्टान्यप्रविष्टानि तथा तेषु न तेष्वहम्॥३॥ जैसे पंचमहाभूत (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) संसार के छोटे–बड़े सभी पदार्थों में प्रविष्ट होते हुए भी उनमें प्रविष्ट नहीं हैं, वैसे ही मैं भी सबमें व्याप्त होने पर भी सबसे पृथक् हूँ।॥३॥ एतावदेव जिज्ञास्यं तत्त्वजिज्ञासुनाऽऽत्मनः। अन्वयव्यतिरेकाभ्यां यत् स्यात् सर्वत्र सर्वदा॥४॥ आत्म–तत्त्व को जानने की इच्छा रखने वाले के लिए इतना ही जानने योग्य है कि अन्वय (सृष्टि) अथवा व्यतिरेक (प्रलय) क्रम में जो तत्त्व सर्वत्र एवं सर्वदा(स्थान और समय से परे) रहता है, वही आत्मतत्त्व है॥४॥ See Also: हिन्दू मान्यताओ के अनुसार अमरत्व प्राप्त है इन ८ चिरंजीवियों को जानिए माँ दुर्गा के ९ रूपो के बारे में | नवरात्री स्पेशल रहीम दास के १५ लोकप्रिय दोहे हिंदी अर्थ सहित Life Management Lesson from Samudra Manthan | Story in Hindi 15 amazing Facts You Should Know About Tirupati Balaji If you like this post, Then please, share it in different social media. Help our site to spread out. Back To Top Next Read: 10 Ways to Get Rid of Hangover » Bhagwat in 4 shlokchatur shloka Bhagwatchaturshlokihindu mythologyhindu mythology in hindipauranik kathayeचतुः श्लोकी भागवत भावार्थ सहितचतु: श्लोकी श्रीमद्भागवतपौराणिक कथायेभगवत गीताभगवतांकवेद पुराणवेदपुराणश्रीमद्भागवतश्रीमद्भागवत कथाश्रीमद्भागवत कथासारसनातनधर्मसंस्कृत श्लोकहिंदुत्वहिन्दुधर्महिन्दू कथाहिन्दू मान्यताहिन्दू मान्यताये Related Post Surya Namaskar – Daily Sun Salutation Can Change Your Life क्यों किया था परशुराम ने पृथ्वी से क्षत्रियो का २१ बार संहार 12 Interesting Facts about Lord Hanuman 12 Interesting Facts about Lord Rama 15 Torturing Rituals From Around The World Women Are Subjected To For No Good Reason एक श्लोकी रामायण हिंदी भावार्थ सहित 10 Cool Facts about Chinese New Year You Probably Don’t Know Story of Japanese Muslims | Islam in Japan The Happiest Man on Earth – Matthieu Ricard | 7 Life Lessons 16 Rare & Old Photos of Mecca & Medina – Part 2 Contact Us All Rights Reserved | View Normal Version 

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