Thursday, 13 July 2017

योगीराज कृष्ण

योगीराज कृष्ण की धरा पर 104 साल की उम्र में हर रोज 84 योगासन | मथुरा अपना शहर मथुरा Tuesday, June 20 2017 Vikram Singh Yadav, Chief Editor ALL INDIA मथुरा । योगीराज कृष्ण की ब्रज धरा में चमत्कारों से कण-कण भरा है। योग की कला में भी विशेष जोड़ है। गोवर्धन के संकट हरण योगाश्रम के रामआसरे महाराज एक ऐसे योगी हैं जो 104 वर्ष की उम्र में भी हर रोज 84 आसन करते हैं। एक से इसकी शुरुआत करते हैं तो 84 पर ही गिनती खत्म होती है। रामआसरे दास महाराज अयोध्या के रहने वाले हैं, परंतु 70 साल पहले कृष्ण नगरी वृंदावन की शरण ले ली। यहां से एक दिन गोवर्धन के लिए निकले तो यहां की धरा पसंद आ गई। उन्हें लगा कि यहां कृष्ण के योग का सबसे बड़ा चमत्कार है। यह है एक उंगली पर गिरिराज को धारण करना। योग के बिना यह संभव नहीं हो सकता था। रामआसरे महाराज यहां आकर योगीराज की योग साधना में जुट गए। वह हर रोज लंबा योगाभ्यास करते हैं। अब 104 साल की उम्र में एक बार योग करना शुरू करते हैं तो 84 आसन किए बिना उनका चक्र टूटता नहीं है। ये उनका नित्य क्रम है। कितना भी मुश्किल आसन हो, वह अटकते नहीं हैं। चक्रासन में दोनों हाथ और दोनों पैर जमीन पर रखे होने के बाद इतनी तेजी से घूमते हैं कि देखने वाले पलक बिना झपकाए टकटकी लगाए रहते हैं। हाथों की मात्र तीन उंगलियों पर पूरे शरीर का वजन लेकर मयूर आसन परफेक्ट अंदाज में करते हैं। कच्छव, कमल, गर्भ, भगि तथा पद्मासन में कहीं अटकाव नहीं दिखता। योग शरीर को लचक से भर देता है, इसकी गवाही उनका शरीर बखूबी देता है। योग की वजह से उनकी काया में भरपूर चपलता है। हर दिन योग करने के बावजूद रामआसरे दास महाराज न के बराबर डाइट लेते हैं। भुने हुए 50 ग्राम चने से दो-तीन दिन गुजार देते हैं। थोड़ी सी खिचड़ी भी कई दिन तक उदर पूर्ति करती रहती है। योग के अलावा गोसेवा उनकी दिनचर्या में शुमार है। महाराज कहते हैं कि भारतीय संस्कृति में योग को उच्च दर्जा प्राप्त है। वह आश्रम में आए तमाम शिष्यों को निश्शुल्क योग की शिक्षा देते हैं। साथ ही कहते हैं कि सरकार को शिक्षा मंदिरों में योग की कक्षाएं लगानी चाहिए।

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