Tuesday, 22 August 2017

संस्कृति विश्व की सर्वोत्तम भाषा ‘संस्कृत’

 देश दुनिया राजनीति मनोरंजन व्यापार भारतीय संस्कृति विडियो सोशल मीडिया ब्लॉग   Home धर्म विश्व की सर्वोत्तम भाषा ‘संस्कृत’ के बारे में ऐसी बातें जो हर हिन्दू को गर्व महसूस करवाती है धर्मभारतीय संस्कृति विश्व की सर्वोत्तम भाषा ‘संस्कृत’ के बारे में ऐसी बातें जो हर हिन्दू को गर्व महसूस करवाती है August 21, 2017   संस्कृत न सिर्फ भारत की बल्कि पूरी दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा प्राप्त हैं। संस्कृत विश्व की सबसे शुद्ध और पवित्र भाषा है और इस भाषा बोलने से जुबान साफ होती है। संस्कृत से ही बाकी भाषाओं का जन्म हुआ है। माना जाता है कि हिन्दी, उर्दू, बंगला, मराठी, गुजराती, उड़िया, पंजाबी, असमी, गुरखाली और कश्मीरी आदि आर्य भाषाएं हैं जो संस्कृत की परम्परा से उत्पन्न हुई हैं। संस्कृत को सभी आर्य भाषाओं की मूल भाषा सिद्ध करते हुए मैक्समूलर ने लिखा था कि इनमें जितने शब्द हैं, वे संस्कृत की महज 500 धातुओं से निकले हैं। इसके अलावा कंप्यूटर भी संस्कृत भाषा के कमांड को बड़ी आसानी से समझ जाता है।  वैसे यहां पेश हैं वे कुछ कारण जिन्हें जानने के बाद आपका सिर भी संस्कृत के सम्मान में झुक जाएगा- 1. संस्कृत में शब्दों का ऑर्डर खास मायने नहीं रखता संस्कृत में वाक्यों की संरचना अपेक्षाकृत आसान होती है। शब्दों को इधर-उधर रखने पर भी वाक्यों के मायने स्पष्ट हो जाते हैं।  2. संस्कृत लैटिन और हिब्रू से भी पुरानी भाषा है जी हां, आप भले ही इस तथ्य से वाकिफ न हों लेकिन भाषाशास्त्रियों ने इस बात की ताकीद की है कि संस्कृत हमारी दुनिया की प्राचीनतम भाषा है। 3. पहले संस्कृत सिर्फ मौखिक भाषा थी आज भले ही संस्कृत को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है लेकिन पहले यह सिर्फ मौखिक भाषा थी। हालांकि इसे पहले ब्राम्ही लिपि में भी लिखा जाता था।  4. भारत के अलावा नेपाल और इंडोनेशिया भी करते हैं इस्तेमाल भारत के भीतर जहां ‘सत्ममेव जयते’ एक सामाजिक संदेश है। वहीं ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी’ नेपाल का सार्वजनिक मंत्र है। 5. सा डिंगडिंग नामक चाइनीज लोक गीत गायिका ने अपने गाने संस्कृत में लिखे हैं और वो उन्हें गाती भी हैं।  6. दुनिया की अग्रणी वैज्ञानिक संस्था “नासा” के अनुसार संस्कृत कंप्यूटर के लिए सबसे मुफीद भाषा है। 7. China शब्द संस्कृत के Cina से निकला है। यह चीन के Qin वंश से निकला है। बर्मा को ब्रम्हदेश से लिया गया है। श्रीलंका का श्री पवित्र का द्योतक है।  8. जर्मनी में पढ़ाई जाती है संस्कृत वैसे तो दुनिया के हरेक देश में आज संस्कृत की डिमांड है लेकिन जर्मनी में इसकी खासी डिमांड है। अकेले जर्मनी में ऐसी 14 यूनिवर्सिटी हैं जो संस्कृत के कोर्स ऑफर करती हैं। 9. भारत में संस्कृत के अखबार भी हैं हो सकता है कि आप संस्कृत के अखबारों से वाकिफ न हों लेकिन “सुधर्मा” नामक संस्कृत अखबार साल 1970 से ही अस्तित्व में है। इसे ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है। 10. योग और संस्कृत एक-दूसरे में अंतर्निहित हैं योग के तमाम आसनों के नाम संस्कृत भाषा से आते हैं। जाहिर है कि संस्कृत और योग एक-दूसरे से काफी हद तक जुड़े हैं। 11. भारत के गांवों की बोली है संस्कृत भारत के भीतर ऐसे दो गांव भी हैं जहां लोग पूरी तरह संस्कृत बोलते-बतियाते हैं। इन गांवों के नाम मत्तूर और होशाहल्ली हैं। आज भले ही सरकारें और देश की गणमान्य संस्थाएं संस्कृत भाषा के बेहतरी की बातें करती हों लेकिन जमीनी वास्तविकता उससे एकदम भिन्न है। आज भी इनका इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक है। हम सिर्फ उन्हें किन्हीं कीर्तन-भजन में ही सुनते हैं। तो असल जरूरत यह है कि हम संस्कृत को बरतना शुरू करें। चाहे सरकार इसमें हमारी मदद करे या न करे। आखिर अपनी पसंदीदा संस्कृत के लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं। जितना हो सके इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। Comments comments  0 comment previous post चीन को पटखनी देने की तैयारी शुरू, अमरीका ने भारत के लिए लिया ये फैसला next post वीडियो: सड़क पर चलती लड़की के अचानक फटने लगे कपड़े, हिला कर रख देगा ये वीडियो   @2016 - Saffron Swastik. All Right Reserved. BACK TO TOP 818 SHARES

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