Wednesday, 12 July 2017

कबीर पंथ

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें कबीर पंथ भारतीय दार्शनिक संप्रदाय Saint Kabir with Namdeva, Raidas and Pipaji. Jaipur, early 19century, National Museum New Delhi (2).jpg  संत कबीर कबीर पंथ या सतगुरु कबीर पंथ भारत के भक्तिकालीन कवि कबीर की शिक्षाओं पर आधारित एक संप्रदाय है। कबीर के शिष्य धर्मदास ने उनके निधन के लगभग सौ साल बाद इस पंथ की शुरुआत की थी। प्रारंभ में दार्शनिक और नैतिक शिक्षा पर आधारित यह पंथ कालांतर में धार्मिक संप्रदाय में परिवर्तित हो गया। कबीर पंथ के अनुयायियों में हिंदू, मुसलमान, बौद्ध और जैन सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। इनमें बहुतायत हिंदुओं की है।[1] कबीर की रचनाओं का संग्रह बीजक इस पंथ के दार्शनिक और आध्यात्मिक चिंतन का आधार ग्रंथ है। पंथ और कबीर संपादित करें अपने काव्य में कबीर ने पंथ को महत्त्वहीन बताते हुए उसका उपहास उड़ाया है। "ऐसा जोग न देखा भाई। भूला फिरै लिए गफिलाई॥ महादेव को पंथ चलावै। ऐसो बड़ो महंथ कहावै॥"[2] कबीर पंथ का अध्ययन करने वाले केदारनाथ द्विवेदी के अनुसार इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि पंथ की स्थापना कबीर ने स्वयं की। कबीर की मृत्यु के पश्चात उनके शिष्यों ने यह कार्य किया। कबीर पंथ का इतिहास संपादित करें द्विवेदी कबीर पंथ की स्थापना की पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि, "कहा जाता है कि सबसे पहले संतों में नानक ने ही पंथ रचना का सूत्रपात किया था और उन्होंने उसके कुछ नियम भी बनाये थे। संभवतः नानकदेव (संवत १५९५) के अनंतर ही कबीर पंथ की स्थापना हुई होगी।...दादूपंथी राघवदास ने अपने हस्तलिखित ग्रंथ भक्तमाल (१७१७) में धर्मदास को कबीर का शिष्य कहा है। छत्तीसगढ़ी शाखा का इतिहास प्रस्तुत करते समय आगे चलकर धर्मदास के आविर्भाव की तिथि सत्रहवीं शताब्दी के प्रथम चरण के लगभग सिद्ध करने का प्रयास किया गया है। संभवतः धर्मदास ने ही पंथ को व्यापक बनाने के लिए सर्वप्रथम ठोस कदम उठाया था।"[3] कबीर पंथ की प्रमुख शाखाएँ संपादित करें भारत में कबीर पंथ की मुख्यतः तीन शाखाएँ मानी जाती हैं। काशी (कबीरचौरा) वाली शाखा, धनौती वाली भगताही शाखा और छत्तीसगढ़ी वाली शाखा। इन शाखाओं के संस्थापक क्रमशः श्रुति गोपाल साहब, भगवान गोसाईं तथा मुक्तामणि नाम साहब को माना जाता है।[4] सन्दर्भ संपादित करें ↑ Dissent, protest, and reform in Indian civilization. Indian Institute of Advanced Study, 1977 ↑ कबीर बीजक, शुकदेव सिंह, नीलाभ प्रकाशन, १९७२, पृष्ठ- १0३ ↑ कबीर और कबीर पंथ, डॉ॰ केदार नाथ द्विवेदी, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, १९६५, पृष्ठ- १६२ ↑ भारत में कबीर पंथ की प्रमुख शाखाएँ बाहरी कड़ियाँ संपादित करें कबीर पंथ से संबंधित जानकारियाँ इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के आधिकारिक जालघर से साभार। Last edited 5 months ago by Sanjeev bot RELATED PAGES संतसाहित्य साखी धरमदास  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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