Tuesday, 29 August 2017

ऊतक

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें ऊतक  परिधीय तंत्रिका की अनुप्रस्थ काट ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति मे असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है। जन्तु ऊतक (animal Tissue) संपादित करें जन्तु ऊतक मुख्यत:पांच प्रकार के होते हैं: Animal tissues are grouped into four basic types: connective, muscle, nervous, and epithelial। उपकला ऊतक (epithelial tissue) संयोजी ऊतक पेशी ऊतक, तथा तंत्रिका ऊतक। जनन ऊतक उपकला (Epithelial Tissue) संपादित करें यह ऊतक शरीर को बाहर से ढँकता है तथा समस्त खोखले अंगों को भीतर से भी ढँकता है। रुधिरवाहिनियों के भीतर ऐसा ही ऊतक, जिसे अंत:स्तर कहते हैं, रहता है। उपकला का मुख्य कार्य रक्षण, शोषण ऐंव स्त्राव का है। उपकला के भेद ये हैं - (क) साधारण, (ख) स्तंभाकार, (ग) रोमश, (घ) स्तरित, (च) परिवर्तनशील, तथा (छ) रंजककणकित। संयोजी ऊतक (Connective tissue) संपादित करें मुख्य लेख : संयोजी ऊतक यह ऊतक एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का काम करता है। यह प्रत्येक अंग में पाया जाता है। इसके अंतर्गत (क) रुधिर ऊतक, (ख) अस्थि ऊतक, (ग) लस ऊतक तथा (घ) वसा ऊतक आते हैं। रुधिर ऊतक के, लाल रुधिरकणिका तथा श्वेत रुधिरकणिका, दो भाग होते हैं। लाल रुधिरकणिका ऑक्सीजन का आदान प्रदान करती है तथा श्वेत रुधिरकणिका रोगों से शरीर की रक्षा करती है। मानव की लाल रुधिरकोशिका में न्यूक्लियस नहीं रहता है। अस्थि ऊतक का निर्माण अस्थिकोशिका से, जो चूना एवं फ़ॉस्फ़ोरस से पूरित रहती है, होता है। इसकी गणना हम स्केलेरस ऊतक में करेंगे, लस ऊतक लसकोशिकाओं से निर्मित है। इसी से लसपर्व तथा टॉन्सिल आदि निर्मित हैं। यह ऊतक शरीर का रक्षक है। आघात तथा उपसर्ग के तुरंत बाद लसपर्व शोथयुक्त हो जाते हैं। वसा ऊतक दो प्रकार के होते हैं : एरिओलर तथा एडिपोस। इनके अतिरिक्त (1) पीत इलैस्टिक ऊतक, (2) म्युकाइड ऊतक, (3) रंजक कणकित संयोजी ऊतक, (4) न्युराग्लिया आदि भी संयोजी ऊतक के कार्य, आकार, स्थान के अनुसार भेद हैं। पेशी ऊतक (Muscular Tissue) संपादित करें इसमें लाल पेशी तंतु रहते हैं, जो संकुचित होने की शक्ति रखते हैं। पेशी उत्तक भिन्न-भिन्न तन्तुओ से संचीत हुआ है, जीस मे आन्तरीक-कोष अंतराल का कमी होती है। रेखांकित या ऐच्छिक पेशी ऊतक वह है जो शरीर को सुक्ष्म प्रकार की गतियां कराता है, कंकाल पेशी का एकम ' कोष तंतु ' है। हर कोष तंतु पतला, लंबा और अनेक कोष-केन्द्रीत होता है। अगर उच्च कक्षा के जीवो का शरीर रचना विज्ञान (Animal Anatomy) परीक्षण कीया जाने पर वे गठरी (Bundles) मे पाए जाते है। अनैच्छिक या अरेखांकित पेशी ऊतक वह है जो आशयों की दीवार बनाता है तथा हृत् पेशी (cardiac muscle) ऊतक रेखांकित तो है, परंतु ऐच्छिक नहीं है। तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue) संपादित करें इसमें संवेदनाग्रहण, चालन आदि के गुण होते हैं। इसमें तंत्रिका कोशिका तथा न्यूराग्लिया रहता है। मस्तिष्क के धूसर भाग में ये कोशिकाएँ रहती हैं तथा श्वेत भाग में न्यूराग्लिया रहता है। कोशिकाओं से ऐक्सोन तथा डेंड्रॉन नाक प्रर्वध निकलते हैं। नाना प्रकार के ऊतक मिलकर शरीर के विभिन्न अंगों (organs) का निर्माण करते हैं। एक प्रकार के कार्य करनेवाले विभिन्न अंग मिलकर एक तंत्र (system) का निर्माण करते हैं। स्केलेरस ऊतक संपादित करें यह संयोजी तंतु के समान होता है तथा शरीर का ढाँचा बनाता है। इसके अंतर्गत अस्थि तथा कार्टिलेज आते हैं। कार्टिलेज भी तीन प्रकार के होते हैं : हाइलाइन, फाइब्रो-कार्टिलेज, तथा इलैस्टिक फाइब्रो-कार्टिलेज या पीत कार्टिलेज। मानव शरीर में २०६ अस्थिया होती है पादप ऊतक (Plant Tissue) संपादित करें  तीसी (फ्लैक्स) के तने की अनुप्रस्थ काट 1. Pith, 2. Protoxylem, 3. Xylem I, 4. Phloem I, 5. Sclerenchyma (bast fibre), 6. Cortex, 7. Epidermis पादप ऊतकों को दो वर्गों में बाँटा जाता है 1. विभाज्योतकी ऊतक ( meristematic tissue ) 2 . स्थायी ऊतक ( permanent tissue ) सन्दर्भ संपादित करें इन्हें भी देखें संपादित करें ऊतक विज्ञान ऊतक संवर्धन बाहरी कड़ियाँ संपादित करें जन्तु ऊतक Last edited 22 days ago by राजू जांगिड़ RELATED PAGES अस्थि मज्जा संयोजी ऊतक सूक्ष्म ऊतक विज्ञान  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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