Friday, 4 August 2017

विज्ञान भैरव तन्त्र

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें विज्ञान भैरव तन्त्र विज्ञानभैरवतन्त्र काश्मीरी शैव सम्प्रदाय के त्रिक उपसम्प्रदाय का मुख्य ग्रन्थ है। यह शिव और शक्ति के संवाद के रूप में है। इसमें संक्षेप में ११२ धारणाओं (meditation methods) का वर्णन किया गया है। विज्ञान भैरव तंत्र देवी के प्रश्नों से शुरू होता है। देवी ऐसे प्रश्न पूछती हैं, जो दार्शनिक मालूम होते हैं। लेकिन शिव उत्तर उसी ढंग से नहीं देते। देवी पूछती हैं- प्रभो आपका सत्य क्या है? शिव इस प्रश्न का उत्तर न देकर उसके बदले में एक 'विधि' देते हैं। अगर देवी इस विधि से गुजर जाएँ तो वे उत्तर पा जाएँगी। इसलिए उत्तर परोक्ष है, प्रत्यक्ष नहीं।शिव नहीं बताते कि मैं कौन हूँ, वे एक विधि भर बताते हैं। वे कहते हैं : यह करो और तुम जान जाओगे। तंत्र के लिए करना ही जानना है। [1] सन्दर्भ संपादित करें ↑ शिव की वाणी : विज्ञान भैरव तंत्र बाहरी कड़ियाँ संपादित करें विज्ञानभैरव (संस्कृत विकिपुस्तक) विज्ञानभैरव (गूगल पुस्तक ; व्याख्याकार: व्रज वल्लभ द्विवेदी) विज्ञानभैरवतन्त्रम् (संस्कृत श्लोक तथा अंग्रेजी अर्थ सहित) शिव की वाणी : विज्ञान भैरव तंत्र (वेबदुनिया) Last edited 4 months ago by अनुनाद सिंह RELATED PAGES तन्त्र भैरव माध्यमिक तंत्र-साहित्य  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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