Tuesday, 22 August 2017

महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन

मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ'। अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'। देवनागरी लिपि में बहुत से वर्णों में महाप्राण और अल्पप्राण के जोड़े होते हैं जैसे 'क' और 'ख', 'च' और 'छ' और 'ब' और 'भ'। कुछ भाषाएँ हैं, जैसे के तमिल, जिनमें महाप्राण व्यंजन होते ही नहीं और कुछ भाषाएँ ऐसी भी हैं जिनमें महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन दोनों प्रयोग तो होतें हैं लेकिन बोलने वालों को दोनों एक से प्रतीत होतें हैं, जैसे अंग्रेज़ी।[1][2] इन्हें भी देखें संपादित करें देवनागरी उच्चारण स्थान सन्दर्भ संपादित करें ↑ Introduction to Sanskrit, Thomas Egenes, pp. 111, Motilal Banarsidass Publishers, 2003, ISBN 978-81-208-1693-0, ... (7) Unaspirated(alpa-prana). (8) Aspirated (maha-prana) ... ↑ A Corpus of Indian studies, Gaurinath Bhattacharyya Shastri, Arthur Llewellyn Basham, Sanskrit Pustak Bhandar, 1980, ... The terms mahaprana and alpaprana here can only be tatpurusa (karmadhdraya) compounds (lit. 'great breath', 'little breath') which refer to properties of aspirated and unaspirated sounds ... Last edited 3 months ago by चक्रबोट RELATED PAGES व्यंजन वर्ण दार्दी भाषाएँ उच्चारण स्थान  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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