Wednesday, 25 October 2017

महात्मा बुद्ध के प्राचीन ब्राह्मणों ,ऋषियों पर विचार

Aryamantavya Search PRIMARY MENUSKIP TO CONTENT वैदिक धर्म महात्मा बुद्ध के प्राचीन ब्राह्मणों ,ऋषियों पर विचार APRIL 5, 2015 SIDDHGURU 2 COMMENTS आज कल के अम्बेडकरवादी बुद्ध के भक्त तो बनते है लेकिन बुद्ध का एक भी कथन नही मानते है ऋषियों का अपमानइनका बुद्ध वचन के विरुद्ध कृत है ,,यहा हम ब्राह्मण धम्मिय सूक्त के कुछ सूक्त रखेंगे – बुद्ध के समय के एक ब्राह्मण महाशाळा ने बुद्ध से कहा – है गौतम ! इस समय ब्राह्मण ओर पुराने समय ब्राह्मणों के ब्राह्मण धर्म पर आरूढ़ दिखाई पड़ते है न ? बुद्ध – ब्राह्मणों | इस समय के ब्राह्मण धर्म पर आरूढ़ नही है | म्हाशालो – अच्छा गौतम अब आप हमे पुराने ब्राह्मणों के उनके धर्म पर कथन करे | यदि गौतम आपको कष्ट न होतो बुद्ध – तो ब्राह्मणों ! सुनो अच्छी तरह मन में करो ,कहता हु |” – पुराने ऋषि संयमी ओर तपस्वी होते थे | पांच काम भोगो को छोड़ अपना ज्ञान ओर ध्यान लगाते थे ||१|| …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. अम्बेडकर वादी ऋषियों को अश्लील ओर कामी कहते नही थकते लेकिन बुद्ध स्वयम ,संयमी ,ध्यानी कहते है | ……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….. ऋषियों को पशु न थे , न अनाज | वह स्वध्याय रूपी धन धान्य वाले ओर ब्रह्म निधि का पालन करने वाले थे ||2|| ब्राह्मण अबध्य अ जेय धर्म से रक्षित थे | कुलो द्वारो पर उन्हें कोई कभी भी नही रोक सकता था ||५|| वह अडतालीस वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन करते थे | पूर्वकाल में ब्राह्मण विद्या व् आचरण की खोज करते थे ||६|| …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. एक पोस्ट में मेने पारस्कर ग्रहसूत्र से ४८ वर्ष ब्रह्मचर्य के कथन की पुष्टि की थी प्राचीन लोग उत्तम ब्रह्मचर्य ४८ का पालन करते थे ..ये स्वामी दयानद जी का भी मत है इस पर कुछ पौराणिक प्रश्न भी करते है लेकिन ग्र्ह्सुत्र .स्मृति ओर बुद्ध वचन में यह तथ्य है | ……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… ब्रह्मचर्य तप शील अ कुटिलता मृदुता सुरती अंहिसा ओर क्षमा की प्रशंसा करते थे ||9|| जो उनमे सर्वोतम दृढ पराक्रमी ऋषि ब्रह्मा था | उसने स्वप्न में भी मैथुन धर्म का सेवन नही किया था ||१० || …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. बुद्ध का ये कथन पौरानिको , मुस्लिमो ,इसाइयो ओर अम्बेडकरवादीयो पर गहरा तमाचा है जो झूटी पौराणिक कथा उठा कर ब्रह्मा पर अश्लील आरोप लगाते है ..अम्बेडकरवादी अगर सच्चे बुद्ध है तो उन्हें बुद्ध वचन को प्रमाण मानना चाहिए अपेक्षा पुराणों के …. क्यूंकि बुद्ध ने कहा है की ब्रह्मा ने मैथुन का कभी स्वप्न में भी विचार नही किया था | ये ऋषियों के बारे में बुद्ध के वचन थे इसके विपरीत अम्बेडकरवादी ऋषियों के विरुद्ध विष वमन करते है अम्बेडकर ने ऋषियों को मासाहारी शराबी तक लिखा है जो कि उनके वेद ओर ब्राह्मण आदि ग्रंथो के विरुद्ध कथन है ओर साथ ही बुद्ध वचन के विरुद्ध भी है | SHARE THIS: TwitterFacebookGoogleEmailPrint Related बुद्ध मत में अन्धविश्वास July 13, 2014 With 5 comments महात्मा बुद्ध ओर गौ संरक्षण August 10, 2014 In "समाज सुधार" डा अम्बेडकर के लेखन में परस्पर विरोध November 30, 2014 With 2 comments Post navigation PREVIOUS POST क्या शंकराचार्य जी ने बोद्ध धम्म को भारत से नष्ट करा था ? 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This in turn brings great benefits to Environment, Society and even other cows and agriculture. — अथर्ववेद १२/४/४० Next quote » DAYANAND SAGAR RECENT COMMENTS Rishwa Arya on मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा……… Rishwa Arya on क्या आर्य बाहर से आये थे : प्रा राजेन्द्र जिज्ञासु Rishwa Arya on पुस्तक – परिचय पुस्तक – जिज्ञासा समाधान Rishwa Arya on इस्लाम में नारी की स्थिति – २ :- कुरान में बीबियाँ बदलने का आदेश Rishwa Arya on मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा……… LIKE US TOP POSTS मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा......... शम्बूक वध का सत्य मृत्यु के बाद आत्मा दूसरा शरीर कितने दिनों के अन्दर धारण करता है? आचार्य सोमदेव जी परोपकारिणी सभा इस्लाम में नारी की स्थिति - २ :- कुरान में बीबियाँ बदलने का आदेश ब्रह्मकुमारी का सच : आचार्य सोमदेव जी हिन्दू शब्द का अर्थ - अरबी - फ़ारसी - लिपियों - व्याख्याकारों के संग्रह से - लव कुश के जन्म की यथार्थ कहानी.... ईसा (यीशु) एक झूठा मसीहा है - पार्ट 1 आत्मा क्या है, परमात्मा क्या है, इन दोनों का आपस में सबन्ध क्या है । क्या आर्य विदेशी थे ? 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