Wednesday, 23 August 2017

चोदना शब्द की व्युत्पत्ति

  सर्वकालीन संस्थापक, संचालक, भड़ास पिता  डॉ. रुपेश श्रीवास्तव  अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये bharhaas.bhadas@blogger.com भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस(+)के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये कस कर निकली भड़ास यहां लिख कर पोस्ट COPY-PASTE करें आओ महारथी...  भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर घर भड़ासियों का अपना एग्रीगेटर  सदस्यता लें  संदेश  टिप्पणियाँ भड़ासियों के भी दोस्त हैं  लो क सं घ र्ष !  पिछली सरकार को योगी सरकार ने बेहतर साबित कर दिया-हीरालाल यादव - *माकपा नेताओ ने गाँधी भवन में धरना देकर जिला प्रशासन को सौपा 5 सूत्रीय ज्ञापन* *गैर जनपदों से आये कार्यकर्ताओ ने जुलूस निकाल गिराये गये कार्यालय का किया न... 6 दिन पहले  لنترانی غزل - بے زبانی کا تقاضا ہے کہ ہم چُپ ہی رہیں اِس کہانی کا تقاضا ہے کہ ہم چُپ ہی رہیں درد ایسا ہے کہ پتھّر کا کلیجہ پھٹ جائے سخت جانی کا تقاضا ہے کہ ہم چُپ ہی ر... 5 सप्ताह पहले  आयुषवेद  - प्रशन :- सर जी मै मेरी अभी अभी नयी नयी शादी हुई है। मैं जैसे ही संभोग करना शुरू करता हूं कुछ ही सेकेंड में चिपचिपा सा पदार्थ मेरे लिंग से निकलने लगता है जो... 6 माह पहले  ZEAL वीर भोग्या वसुंधरा - कुछ विद्वान् मित्रों का मत है कि आरक्षण से पहले जातिवाद को हटाया जाए । किन्तु जाति व्यवस्था से किसी को व्यक्तिगत नुक्सान नहीं है । किसी का अधिकार नहीं मारा ... 6 माह पहले  महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar)  Demonetization and Mobile Banking - *स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...* प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ... 8 माह पहले  M.K.TVFilms  शाम । - *वक़्त से पहले ही, बुझ जाती है शाम, उन ग़रीबों की,* *रोज़ी देने वाले अमीर, जब से ख़ुद ही ख़ुदा बन गए...!* मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०१ डिसम्बर २०१६. 8 माह पहले  हमारी अन्‍जुमन  मैं महिलावादी हूं और मुझे पर्दा करने पर फख्र है-थेरेसा कार्बिन - *थेरेसा कार्बिन एक लेखिका हैं। ये ऑरलियंस, लुइसियाना में रहती हैं और इस्लामविच की संस्थापिका हैं। सीएनएन पर पहली बार इनके इस्लाम अपनाने की जानकारी प्रकाश... 1 वर्ष पहले  शब्द  प्रेम संबंधों की कहानियां ' का लोकार्पण - २८ फरवरी विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली में चर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव के सद्य प्रकाशित कथा संग्रह 'प्रेम संबंधों की कहानियां' का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्य... 5 वर्ष पहले  chitrakaar  It's my creation - ... 5 वर्ष पहले  अर्धसत्य किन्नर,किन्नर,किन्नर....अरे हम किन्नर नहीं लैंगिक विकलाँग हैं जिन्हें तुम हिजड़ा कहते हो - प्रेम, आदर, सहानुभूति जैसे भावों के चलते ही सही पर हमें किन्नर कह कर संबोधित करा जाता है जो कि किसी भी तरह से हमारी स्थिति की व्याख्या नहीं करता। न ही यह श... 6 वर्ष पहले  Shadowy Dreams Forget Me Not - Hey Guys,First of all, let me thank you all for the mails (via the mail widget and direct). I know I have been rather AWOL.Well, life is running at a rate ... 6 वर्ष पहले  paramsatta.blogspot.com  १९ अक्तूबर - 7 वर्ष पहले  अनकही - welfare4theworld - भंडाफोडू -  हमारी भी सुनो.......! - अश्लीलता के संदर्भ में प्रयुक्त शब्द "चो**ना" की व्युत्पत्ति क्या और क्यों है ये जानिये। मंगलवार, 7 सितंबर 2010 ये शब्द चर्चा से उठा कर यहाँ प्रकाशित करने का उद्देश्य है कि वे जड़बुद्धि समझ सकें कि गाली क्या है क्यों है उसकी उत्पत्ति क्या है। हमारी सभ्यता और भाषा-लिपि के गहराई से टटोलने पर ये सब समझ में आएगा। विचार विमर्श रोक देना समझदारी नहीं मूर्खता होती है। पढ़िये कि अश्लीलता के संदर्भ में प्रयुक्त शब्द की व्युत्पत्ति क्या और क्यों है........................ सत्य प्रकाश जी ने कहा:- श्रीमद भगवदगीता के १८ वाँ अध्याय के एक श्लोक से लिए एक शब्द पर चर्चा ज्ञानं ज्ञेयं परिज्ञाता त्रिविधा कर्मचोदना | करणं कर्म कर्तेति त्रिविध :कर्मसंग्रह:||१८ || अर्थ - कार्य का ज्ञान ,ज्ञान का विषय (ज्ञेय) और ज्ञाता --- ये तीन कर्म की प्रेरणा हैं तथा करण अथार्त इन्द्रियाँ ,क्रिया और कर्ता अथार्त प्रक्रति के तीनो गुण ---ये तीन कर्म के अंग हैं . श्रीमद भगवद्गीता के १८ वें अध्याय के इस श्लोक में जो शब्द कर्मचोदना आया है वो कर्म और चोदना से मिलकर बना है .चोदना शब्द संस्कृत के शब्कोष में देखा तो पता चला की 'चुद' इसका मूल धातु है . इस शब्द का सही अर्थ है अभिप्रेरणा .मेरे मन में एक जिज्ञासा आई कि आज के समाज में ' चोदना' शब्द का जो अर्थ है वो कहाँ से आया ? और गीता में इस शब्द के आगे कर्म लगा है जिसका अर्थ है कर्म की अभिप्रेरणा . अभय तिवारी जी ने लिखा :- बिलकुल सही है। चोदने का अर्थ प्रेरणा है.. गायत्री मंत्र में भी इसी अर्थ में आता है.. लेकिन चुद्‍ धातु के और भी अर्थ हैं- निर्देश देना, आगे फेंकना, हाँकना, धकेलना, ठेलना, स्फूर्ति देना, उकसाना, मार्ग प्रदर्शित करना, शीघ्रता करना, इसके अलावा पूछना और प्रस्तुत करना भी इसके अर्थ के रूप में आप्टे जी ने दिया है। गालियों में आने से पहले इसे प्रजनन के अर्थ में देखिये.. गर्भ धारण के लिए प्रेरित करना या बीज को आगे फेंकना, या धकेलना। गुप्त गतिविधियों के साथ हमेशा ऐसा हे होता है, एक पीढ़ी उसके लिए एक शालीन शब्द लेकर आती है ताकि कोई 'गन्दा' भाव मन में आने पाए लेकिन अगली पीढ़ी तक आते-आते वही शब्द गन्दगी का प्रतीक बन जाता है। 'चोदना' एक ऐसा शब्द है ही जो कभी ऐसा शास्त्रीय शब्द होता था कि जिसे गीता और गायत्री मंत्र में प्रयोग किया गया और दूसरा ऐसा शब्द 'टट्टी'.. जिसका मूल अर्थ बाँस की खपच्ची है। इन्ही खपच्चियों को, टट्टियों को अंग्रेज़ लोग गाँव-क़स्बों आदि में, जहाँ उनके लिए बनाए गए स्थायी शौचालय उपलब्ध नहीं थे, अपने मलत्याग करने हेतु बनाए गए अस्थायी कमोड के चारो ओर लगवाया करते थे। आज भी टट्टी का दूसरा अर्थ शेष है खस की टट्टी आदि जैसे प्रयोगों में। उसी टट्टी की आड़ मलत्याग के उस पूरे कर्म की आड़ बन कर विकसित हुई लेकिन अब एक गन्दा शब्द बन चुकी है। रंगनाथ सिंह ने लिखा :- एक ताजा उदाहरण बाथरूम का भी लिया जा सकता है। जिसका अर्थ आज उत्तर भारत में पेशाब करना हो चुका है। जय भड़ास यही वह मंच है जहाँ आप स्वतंत्रता से कुछ लिख सकते हैं और आपका गला नहीं घोंटा जाता है। प्रस्तुतकर्ता भड़ास पर 10:29 pm  2 टिप्पणियाँ: Surendra Singh Bhamboo ने कहा… ब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है। आप बहुत ही अच्छा लिख रहे है। इसी तरह लिखते रहिए और अपने ब्लॉग को आसमान की उचाईयों तक पहुंचाईये मेरी यही शुभकामनाएं है आपके साथ ‘‘ आदत यही बनानी है ज्यादा से ज्यादा(ब्लागों) लोगों तक ट्प्पिणीया अपनी पहुचानी है।’’ हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। मालीगांव साया लक्ष्य हमारे नये एगरीकेटर में आप अपने ब्लाग् को नीचे के लिंको द्वारा जोड़ सकते है। अपने ब्लाग् पर लोगों लगाये यहां से अपने ब्लाग् को जोड़े यहां से 8 सितंबर 2010 को 5:11 am रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) ने कहा… जय जय भड़ास 13 सितंबर 2010 को 12:55 am एक टिप्पणी भेजें नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)  प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।   © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८ Back to TOP

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