Friday, 1 September 2017

पिरामिड का शाब्दिक अर्थ" केंद्र में आग अथवा प्रकाश "

Press question mark to see available shortcut keys 7   हिन्दू परिवार संघठन संस्थ Public Oct 16, 2014  मिस्र के पिरामिड सनातन धर्म श्री चक्र की अधिरचना... क्या आप जानते हैं कि मिस्र के विश्व प्रसिद्ध.एवं, दुनिया के महानतम आश्चर्यों में शुमार पिरामिड कोई नई वास्तु संरचना नहीं है बल्कि, पिरामिडों को हमारी पारंपरिक मंदिरों को नक़ल कर बनाई गई है! अगर इसे ज्यादा सभ्य और आधुनिक भाषा में बोल जाए तो मिस्र के पिरामिड हमारे पारंपरिक मंदिरों से प्रेरित होकर बनाए गए हैं! दरअसल हमारी पारंपरिक वास्तुकला बहुत ही सीधी और सरल है और, जो समय की कसौटी पर बिल्कुल खरे उतरते हैं! हमारी संरचनाओं में बीम और छत और अहाते का कुछ इस प्रकार प्रयोग किया गया है ताकि, वहां धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्य सुचारू रूप से किए जा सकें! ध्यान दें कि मंदिरों में शिखर मंदिर की सबसे उत्कृष्ट तत्व रहता है और, प्रवेश द्वार आमतौर पर मामूली होता है तथा मंदिर परिसर मंदिरों के गर्भ गृह के ही आस पास बनाया जाता है जो कार्डिनल दिशाओं के लिए उन्मुख होता है जो हमारे ब्रह्माण्ड के विद्युत् चुम्बकीय तरंगों को नियंत्रित करते हैं! असल में हमारे मंदिर हमारे धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित श्री चक्र को आधार मानकर बनाए जाते हैं और, आश्चर्यजनक रूप से मिस्र के पिरामिड भी हमारे इसी श्री चक्र अथवा मेरु चक्र को आधार मानकर बनाए गए हैं! यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है कि मंदिर का स्थापत्य कला कुछ इस तरह का होता है कि वहां प्रवेश करने पर मनुष्य को मानसिक शांति और शारीरिक सांत्वना महसूस होता है! गर्भगृह को मंदिर का केंद्र या अधिरचना को नाभि कहा जा सकता है और, गर्भगृह की बिंदु से ही ऊपर जाती हुई संरचना अंत में शिखर का रूप ले लेती है! ठीक ऐसा ही घुमावदार रूप पिरामिड के रूप में आधुनिक समय में पहचान की गई है और, पिरामिड के भी शिखर भी.गर्भगृह की अधिरचना को संदर्भित करता है ! उसे भी अधिक मंदिरों की ही तरह पिरामिड का भी मुख्य कक्ष गर्भगृह ही होता है जिसके चारों तरफ परिसर बनाए गए है तथा , गर्भगृह के बाहर ये परिसर एक वर्ग परिपत्र , हेक्सागोनल ( 6 पक्षों) या अष्टकोणीय ( 8 पक्षों) हो सकता है! हमारे मंदिरों की ही तरह पिरामिड की भी अधिरचना एक ही मंजिल होती है जिसमे एक ही शिखर होता है! इस शिखर के माध्यम से तैयार आकाशीय बिजली ( विद्युत् चुम्बकीय तरंग ) हमें दैवीय प्रभा और आध्यात्मिक शक्ति देता है तथा, अलग गर्भगृह के लिए एक छत होने से शिखर भी गर्भगृह और केंद्रीय देवत्व के प्रमुख देवता के महत्वपूर्णता एवं दिव्य पवित्रता का प्रतीक है ! शिखर के अंतिम छोर को कलश या स्तूप के रूप में जाना जाता है! मंदिर एवं पिरामिड अधिरचना दोनों में ही आश्चर्यजनक रूप से प्रत्येक मंजिला की ऊंचाई के एक चौथाई या एक तिहाई के समानांतर श्रेणी में घटता जाता है ! असल में पिरामिड ( PYRAMID ) शब्द ग्रीक शब्द Pyra से बना है जिसका अर्थ अग्नि, प्रकाश , दिखाई होता है और, शब्द MIDOS का अर्थ केंद्र होता है! इस तरह पिरामिड का शाब्दिक अर्थ" केंद्र में आग अथवा प्रकाश " होता है और, यह शब्द बहुत हद तक मंदिर होने का आभास देता है! मिस्र के पिरामिड लगभग 4000 साल पहले बनाए गए थे तथा, चित्र में प्रदर्शित गीजा के पिरामिड के आधार की चार भुजाओं की लंबाई 755.5 फीट की तथा , औसत माप में आश्चर्यजनक रूप से बराबर हैं . पिरामिड के द्वार उत्तर में है तथा, इसके मध्य में गर्भगृह सी संरचना है जिसमे राजा को दफ़न किया जाता था एवं उसके चारो और कक्ष बने होते हैं! पिरामिड के प्रत्येक पक्ष के शीर्ष करने के लिए 51 डिग्री 51 मिनट का एक कोण पर बढ़ जाता है तथा, पक्षों के प्रत्येक सही उत्तर , दक्षिण , पूर्व और पश्चिम के साथ लगभग ठीक से जुड़ रहे हैं हमारे हिन्दू मंदिरों की ही तरह पिरामिड में भी संरचना के कारण उसके गर्भगृह में कॉस्मिक ऊर्जा आकर्षित किया गया है जिसे फ़राओ के शव को संरक्षित करने के लिए उपयोग किया गया है! यहाँ तक कि आज भी हमारे भारत के गांवों में पिरामिड के आकार की झोपड़ियां बनाई जाती है जिसका प्रयोग खाद्य पदार्थों को लम्बे समय तक ताजा रखने के लिए किया जाता है! और, यह काफी दिलचस्प है कि हमारे मंदिरों के गर्भगृह में भी खाद्य पदार्थ एक लंबे समय के लिए ताजा बने रहते हैं. क्योंकि इन संरचनाओं के आकार ब्रह्मांड से ऊर्जा के प्रवाह को प्रभावित करती है और, यह ऊर्जा हमारे जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है . असल में , इन सबका रहस्य हमारे धर्मग्रंथों में वर्णित श्री चक्र में छुपा है। ध्यान रखें कि हमारा शरीर सिर्फ एक जैव रासायनिक इकाई ही नहीं है बल्कि, यह ब्रह्मांड के साथ जैव ऊर्जा एक्सचेंजों बनाए रखना सुरक्षा तथा जीवन से लिपटे जैव रासायनिक एवं विद्युत चुंबकीय ऊर्जा क्षेत्र की एक उत्पाद है और यह श्री चक्र जैव ऊर्जा के समुचित प्रवाह को सुनिश्चित करता है । खैर इन सभी सबूतों से तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि संभवतःउस समय मिस्र पर भी हमारे सनातन धर्म का प्रभाव रहा होगा या फिर , मिस्र से अथवा अन्य देशों के लोगों से अपनी वास्तुकला और निर्माण सुविधाओं के बारे में जानने के लिए किसी ने भारत की यात्रा की होगी और, फिर उसने लौट कर अपने देश में पिरामिडों का निर्माण किया होगा कारण चाहे जो भी रहा हो परन्तु यह निर्विवाद रूप से स्थापित सत्य है कि मिस्र के बहुचर्चित एवं विश्वप्रसिद्ध पिरामिड कोई नई संरचना नहीं है बल्कि, यह हमारे श्री चक्र के आधार बनाकर एवं मंदिरों की नक़ल कर बनाए गए हैं! इसीलिए हिन्दुओ पहचानो आपने आपको साथ ही , पहचानो अपने प्रभुत्व को! हमें गर्व होना चाहिए कि हम महान हिन्दू सनातन का एक अंग हैं जय महाकाल! नोट: कोई मुस्लिमों की तरह बेवकूफी करते हुए यह ना लिखे कि हम हिन्दुओं ने पिरामिड कि नक़ल कर श्री चक्र और मंदिर बनाए हैं क्योंकि, अब यह वैज्ञानिक रूप से भी स्थापित हो चुका है कि. हिन्दू सनातन धर्म एवं हमारे धर्म ग्रन्थ लाखों वर्ष पुराने हैं जबकि ये पिरामिड महज कुछेक हजार साल पुराने हैं! अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों। ।। जय माँ भारती ।। ।। जय सनातन धर्म ।। Translate  10 plus ones 10 one comment 1 15 shares 15 Shared publicly•View activity  Anil Kumar Pathania Yes my friend you are right...... If you have read ancient aliens, you will learn that KAILASH mountain was basic source of atomic energy for all the such creations across the globe. All shapes similar to pyramid are perceived as atomic energy plants. There are3 many such creations across the globe but Pyramids are most advertised as they are very big in size cos deserts doesnt have other source to produce electricity.... In mahabharata pandvas fought fought with kouravas and many more warriors from across the globe............... thats why lord Krishna always said VASUDEV KUTUMB.........etc etc etc etc etc etc etc etc .... Oct 16, 2014  Add a comment...

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